महाराष्ट्र

BJP’s Corrupted Version of Hindutva: राम मंदिर से वक्फ तक, उद्धव ठाकरे का भाजपा पर तीखा हमला

BJP’s Corrupted Version of Hindutva: राम मंदिर से वक्फ तक, उद्धव ठाकरे का भाजपा पर तीखा हमला

BJP’s Corrupted Version of Hindutva: राजनीति में विचारधाराएं और गठबंधन समय के साथ बदलते रहते हैं, लेकिन कुछ मूल सिद्धांत हमेशा अपनी जगह बनाए रखते हैं। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने हाल ही में नासिक में एक कार्यक्रम में हिंदुत्व (Hindutva) को लेकर अपनी पार्टी की स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिवसेना ने कभी भी हिंदुत्व की विचारधारा को नहीं छोड़ा, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का हिंदुत्व का सड़ा हुआ संस्करण (BJP’s Corrupted Version of Hindutva) उन्हें स्वीकार नहीं है। ठाकरे का यह बयान न केवल उनकी पार्टी की वैचारिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि भाजपा के साथ उनके पुराने गठबंधन के टूटने के बाद की राजनीतिक तल्खी को भी उजागर करता है।

नासिक में शिवसेना के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने अपनी बात को बेबाकी से रखा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने यह झूठ फैलाया है कि शिवसेना ने हिंदुत्व को छोड़ दिया है। ठाकरे ने इस आरोप का जवाब देते हुए कहा कि उनकी पार्टी का हिंदुत्व राष्ट्रवाद का प्रतीक है, जो समावेशी और सभी के प्रति समान भाव रखने वाला है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शिवसेना का भगवा रंग उसकी पहचान है, भले ही मशाल उनका चुनाव चिह्न हो। उद्धव ने अपने भाषण में छत्रपति शिवाजी महाराज का जिक्र करते हुए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने मांग की कि अगर भाजपा वास्तव में शिवाजी महाराज का सम्मान करती है, तो केंद्र सरकार को उनकी जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करना चाहिए।

ठाकरे ने यह भी कहा कि मुंबई के राजभवन परिसर को छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक में बदला जाना चाहिए और राज्यपाल का आवास किसी दूसरी जगह स्थानांतरित कर देना चाहिए। यह मांग महाराष्ट्र की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को महत्व देने की उनकी सोच को दर्शाती है। उद्धव ने 2019 में भाजपा के साथ गठबंधन टूटने की बात को भी याद किया। उन्होंने दावा किया कि अगर अविभाजित341340004400 शिवसेना का साथ न होता, तो भाजपा कभी भी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की स्थिति तक नहीं पहुंच पाती। यह बयान उनकी पार्टी की हिंदुत्व और राम मंदिर आंदोलन में भूमिका को रेखांकित करता है।

उद्धव ठाकरे ने भाजपा के हिंदुत्व को हिंदुत्व का सड़ा हुआ संस्करण (BJP’s Corrupted Version of Hindutva) करार देते हुए कई उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने तेलुगू देशम पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) जैसे दलों के साथ गठबंधन किया है, जिनके नेता नीतीश कुमार ने कभी “आरएसएस मुक्त भारत” की बात की थी। ठाकरे ने यह भी तंज कसा कि भाजपा ने बिहार में रमजान के दौरान ‘सौगात-ए-मोदी’ उपहार बांटे, जबकि महाराष्ट्र में उसी पार्टी ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा दिया। यह दोहरा रवैया, उनके अनुसार, भाजपा की हिंदुत्व की परिभाषा की सच्चाई को उजागर करता है।

ठाकरे ने 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस का जिक्र करते हुए एक और महत्वपूर्ण बात कही। उन्होंने बताया कि उस समय भाजपा के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने इस घटना के लिए माफी मांगी थी, लेकिन शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने गर्व के साथ कहा था कि अगर उनके कार्यकर्ताओं ने ढांचा गिराया, तो यह गर्व की बात है। उद्धव ने इस बात को दोहराकर अपनी पार्टी की हिंदुत्व के प्रति अटल प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमानों ने उनकी पार्टी का समर्थन इसलिए किया, क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में सभी समुदायों के साथ समान व्यवहार किया।

वक्फ (संशोधन) विधेयक के मुद्दे पर भी ठाकरे ने अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने इस विधेयक का विरोध इसलिए किया, क्योंकि हिंदुत्व और वक्फ बोर्ड का कोई संबंध नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि भाजपा ने हाल ही में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के साथ गठबंधन किया, जिसने भी इस विधेयक का विरोध किया था। यह बयान भाजपा की गठबंधन नीतियों में विरोधाभास को उजागर करता है।

उद्धव ठाकरे का यह भाषण नई पीढ़ी के लिए खास तौर पर प्रासंगिक है, जो राजनीति में स्पष्टता और सच्चाई की उम्मीद रखती है। उन्होंने अपनी पार्टी की विचारधारा को न केवल हिंदुत्व के इर्द-गिर्द केंद्रित रखा, बल्कि इसे समावेशी और राष्ट्रवादी बताया। उनके बयान महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान, छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत, और सामाजिक समरसता के प्रति उनकी गहरी निष्ठा को दर्शाते हैं।

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