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BMC Elections 2025: BMC चुनाव की तैयारियां जोरों पर, मुंबई में 227 प्रभागों की सीमांकन प्रक्रिया शुरू

BMC Elections 2025: BMC चुनाव की तैयारियां जोरों पर, मुंबई में 227 प्रभागों की सीमांकन प्रक्रिया शुरू

BMC Elections 2025: मुंबई, भारत की आर्थिक राजधानी, हमेशा से ही अपने विशाल आकार और विविधता के लिए जानी जाती है। इस शहर को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) की है, जो देश की सबसे धनी नगर निगमों में से एक है। अब, 2025 में होने वाले BMC चुनाव (BMC Elections) के लिए तैयारियां जोरों पर हैं, और इसके लिए प्रभाग सीमांकन (Ward Delimitation) की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह प्रक्रिया शहर की बदलती भौगोलिक और जनसांख्यिकीय स्थिति को ध्यान में रखकर की जा रही है, ताकि हर नागरिक की आवाज को उचित प्रतिनिधित्व मिल सके।

महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में एक सरकारी आदेश जारी किया, जिसमें यह साफ किया गया कि 2025 के BMC चुनाव के लिए मुंबई में प्रभागों की संख्या 227 ही रहेगी। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के 6 मई 2025 के आदेश के बाद लिया गया, जिसमें चार महीनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराने के निर्देश दिए गए थे। BMC का चुनाव विभाग अब प्रभागों की भौगोलिक सीमाओं को तय करने के लिए जमीन पर सर्वेक्षण शुरू करने जा रहा है। इस प्रक्रिया में सड़कों, नदियों, रेलवे पटरियों और अन्य भौगोलिक विशेषताओं को ध्यान में रखा जाएगा, ताकि प्रभागों की सीमाएं सटीक और व्यवहारिक हों।

पिछले सात सालों में मुंबई में कई बदलाव आए हैं। नई सड़कें, पुल, और बुनियादी ढांचे के प्रोजेक्ट्स ने शहर का चेहरा बदल दिया है। इसके अलावा, स्लम पुनर्वास योजनाओं और रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के कारण जनसंख्या में भी बदलाव आया है। इन बदलावों को देखते हुए प्रभागों की सीमाओं में कुछ बदलाव संभव हैं। एक वरिष्ठ BMC अधिकारी के अनुसार, प्रभाग सीमांकन (Ward Delimitation) में 10 से 12 प्रतिशत तक बदलाव हो सकता है, लेकिन प्रभागों की कुल संख्या 227 ही रहेगी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सीमाएं सही तरीके से बनाई जाएं, BMC का चुनाव विभाग अन्य विभागों की मदद भी लेगा। इस प्रक्रिया में 2011 की जनगणना के आंकड़ों का उपयोग किया जाएगा, क्योंकि 2021 की जनगणना नहीं हो सकी।

प्रभाग सीमांकन की प्रक्रिया बेहद पारदर्शी और व्यवस्थित तरीके से की जा रही है। BMC आयुक्त भूषण गग्रानी ने बताया कि प्रभागों की सीमाओं में मामूली बदलाव से इंकार नहीं किया जा सकता। इस प्रक्रिया के तहत, BMC पहले एक ड्राफ्ट तैयार करेगा, जिसे राज्य चुनाव आयोग (SEC) को भेजा जाएगा। इसके बाद, नागरिकों और अन्य हितधारकों से सुझाव और आपत्तियां मांगी जाएंगी। इन सुझावों पर विचार करने के बाद अंतिम सीमांकन तय होगा, जिसे फिर से SEC के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में लगभग दो महीने का समय लग सकता है।

मुंबई जैसे शहर में, जहां हर दिन लाखों लोग अपने काम के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं, प्रभाग सीमांकन का काम आसान नहीं है। शहर के उत्तरी हिस्से से लेकर पूर्वोत्तर, और फिर पूर्व से पश्चिम तक, BMC के कर्मचारी हर क्षेत्र का दौरा करेंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नई सड़कें, नालों का विस्तार, और अन्य विकास कार्यों को ध्यान में रखकर सीमाएं बनाई जाएं। उदाहरण के लिए, अगर किसी क्षेत्र में नई सड़क बनी है या कोई पुराना इलाका अब रिहायशी क्षेत्र में बदल गया है, तो वहां की प्रभाग सीमा में बदलाव जरूरी हो सकता है। यह प्रक्रिया न केवल तकनीकी है, बल्कि यह शहर के हर नागरिक के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यही प्रभाग उनके चुने हुए प्रतिनिधियों को तय करते हैं।

प्रभाग सीमांकन के बाद अगला कदम प्रभागों के लिए आरक्षण की प्रक्रिया होगी। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि स्थानीय निकाय चुनावों में OBC आरक्षण को 2022 से पहले की तरह ही लागू रखा जाए। इसका मतलब है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और OBC के लिए निर्धारित सीटें पहले की तरह ही होंगी। यह प्रक्रिया भी पूरी तरह से पारदर्शी होगी और लॉटरी के जरिए तय की जाएगी। BMC चुनाव (BMC Elections) अक्टूबर 2025 में होने की उम्मीद है, और इसके लिए सारी तैयारियां सितंबर 2025 तक पूरी हो जाएंगी, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई 16 सितंबर को निर्धारित की है।

पिछले BMC चुनाव 2017 में हुए थे, और उस समय चुने गए कॉर्पोरेटरों का कार्यकाल 2022 में खत्म हो गया था। तब से BMC एक प्रशासक के नेतृत्व में चल रही है। इस लंबे अंतराल के बाद, 2025 के चुनाव मुंबईवासियों के लिए एक बड़ा अवसर होंगे, क्योंकि यह तय करेगा कि अगले पांच सालों तक शहर की बागडोर किसके हाथों में होगी। BMC का वार्षिक बजट 74,000 करोड़ रुपये है, जो इसे देश का सबसे धनी नगर निगम बनाता है। इसीलिए, प्रभाग सीमांकन और आरक्षण की प्रक्रिया न केवल तकनीकी, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है।

मुंबई के नागरिकों के लिए यह प्रक्रिया इसलिए भी खास है, क्योंकि यह उनके वोट की ताकत को दर्शाती है। हर प्रभाग में रहने वाले लोग अपने प्रतिनिधि चुनते हैं, जो उनकी समस्याओं को BMC तक पहुंचाते हैं। चाहे वह सड़कों की मरम्मत हो, पानी की आपूर्ति हो, या कचरा प्रबंधन, इन सभी मुद्दों पर प्रभाग स्तर पर काम होता है। इसलिए, सही और निष्पक्ष प्रभाग सीमांकन (Ward Delimitation) यह सुनिश्चित करता है कि हर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व सही तरीके से हो।

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