BMC elections: महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे गुट के नेताओं से मुलाकात ने सियासी गलियारों में चर्चा को तेज कर दिया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सरकार से नाराज होने की अटकलें जोरों पर हैं। इस मुलाकात का असर बीएमसी चुनाव 2025 और राज्य की सत्ता समीकरणों पर क्या पड़ सकता है, आइए समझते हैं।
ठाकरे गुटों से फडणवीस की मुलाकात: क्या है राजनीतिक मायने?
सोमवार की सुबह मुख्यमंत्री फडणवीस ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे से उनके निवास पर मुलाकात की। वहीं, शाम को उन्होंने शिवसेना (UBT) के वरिष्ठ नेताओं—मिलिंद नार्वेकर, सुभाष देसाई और अंबादास दानवे को अपने आवास पर आमंत्रित किया।
सियासी विश्लेषकों का मानना है कि इन बैठकों का संबंध बीएमसी चुनाव से है। भाजपा लंबे समय से मुंबई महानगरपालिका (BMC) पर कब्जा करने की कोशिश में है, जो पारंपरिक रूप से शिवसेना का गढ़ रही है। लेकिन शिवसेना के विभाजन के बाद भाजपा के लिए नए समीकरणों की तलाश करना ज़रूरी हो गया है।
शिंदे को संदेश या नई रणनीति?
इस घटनाक्रम का एक और अहम पहलू एकनाथ शिंदे की नाराजगी है। शिंदे, जो भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे, अब फडणवीस और एनसीपी नेता अजित पवार से नाराज बताए जा रहे हैं। इस संदर्भ में ठाकरे गुटों से फडणवीस की नजदीकी शिंदे पर दबाव बनाने की रणनीति मानी जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा अब अपने सभी विकल्प खुले रखना चाहती है और शिंदे को यह संदेश देना चाहती है कि उनकी राजनीतिक स्थिति पूरी तरह भाजपा पर निर्भर है।
बीएमसी चुनाव में भाजपा की नई चाल?
बीएमसी चुनावों में भाजपा किसी भी हालत में मजबूत स्थिति में आना चाहती है। इस चुनाव में कई समीकरण बन सकते हैं—
राज ठाकरे की MNS से गठबंधन:
- भाजपा, MNS को बीएमसी चुनावों में रणनीतिक रूप से साथ ला सकती है।
- अमित ठाकरे (राज ठाकरे के बेटे) को विधान परिषद की सीट देने की पेशकश की जा सकती है।
शिवसेना (UBT) से बैकडोर बातचीत:
- अगर भाजपा-शिवसेना (UBT) में किसी तरह की रणनीतिक साझेदारी होती है, तो यह महायुति (शिंदे-भाजपा-अजित पवार गठबंधन) के समीकरण बिगाड़ सकती है।
- बाल ठाकरे स्मारक का मुद्दा, जो फडणवीस और उद्धव गुट की मीटिंग का आधिकारिक कारण बताया गया, सिर्फ एक बहाना हो सकता है।
शिंदे पर दबाव बढ़ाना:
- अगर शिंदे ज्यादा दबाव बनाते हैं, तो भाजपा दूसरे विकल्पों पर विचार कर सकती है।
- शिंदे को यह संदेश देने की कोशिश हो रही है कि वे अजेय नहीं हैं और भाजपा के पास और भी विकल्प हैं।
BMC elections: महाराष्ट्र में बड़ा सियासी खेल?
फडणवीस की इन मुलाकातों से महाराष्ट्र की राजनीति में नई सरगर्मी आ गई है। यह सिर्फ शिष्टाचार भेंट नहीं बल्कि भाजपा की सधी हुई रणनीति का हिस्सा है।
- क्या भाजपा MNS को अपने साथ लाकर बीएमसी में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है?
- क्या उद्धव गुट से भाजपा के गुप्त गठबंधन की संभावना बन रही है?
- क्या शिंदे पर दबाव बनाने के लिए यह एक राजनीतिक चाल है?
आने वाले दिनों में यह साफ हो जाएगा कि महाराष्ट्र की राजनीति किस ओर मुड़ती है। लेकिन इतना तय है कि 2025 का बीएमसी चुनाव, 2024 के लोकसभा चुनाव से भी ज्यादा रोमांचक होने वाला है।
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