मुंबई में मध आइलैंड को वर्सोवा से जोड़ने के लिए केबल से बंधे पुल (cable-stayed bridge) के निर्माण के लिए बीएमसी ने 1800 करोड़ रुपये का टेंडर निकाला है।
केबल से बंधे पुल (cable-stayed bridge) एक विशेष तरह के पुल होते हैं, जिनमें पुल के डेक को मज़बूत केबलों के सहारे टावरों से लटकाया जाता है। मुंबई में बांद्रा-वर्ली सी लिंक इसका एक उदाहरण है। इस तरह के पुल लंबी दूरी तक बिना बीच में खंभों के बनाए जा सकते हैं।
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने रविवार को मध आइलैंड और वर्सोवा को जोड़ने वाले केबल-स्टेड ब्रिज के निर्माण के लिए 1,800 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है। यह परियोजना बहुत सालों से चर्चा में थी, लेकिन कई कारणों से शुरू नहीं हो पा रही थी।
इस पुल के बनने से पहले पर्यावरण संबंधी मंजूरी लेना ज़रूरी था। इस इलाके में मैंग्रोव के घने जंगल हैं और पुल के निर्माण से उन्हें कुछ नुकसान होने की आशंका थी। जनवरी में बीएमसी को पुल बनाने की मंजूरी मिल गई, जिसके बाद टेंडर जारी किया गया है।
मध और वर्सोवा के बीच अभी सीधा सड़क मार्ग नहीं है। लोगों को नाव से आना-जाना पड़ता है या लंबा रास्ता तय करना पड़ता है। इस पुल के बनने से लोगों को बहुत सुविधा होगी।
इस परियोजना की लागत पहले के अनुमान से बहुत ज़्यादा हो गई है। पुल के पास के इलाके में मछुआरों का समुदाय रहता है, जिन्होंने पहले इस परियोजना का विरोध किया था।
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इस पुल के बनने से मध आइलैंड और वर्सोवा के बीच आवागमन आसान हो जाएगा। परियोजना पूरी होने में अभी कुछ साल और लगेंगे।