मुंबई के मुलुंड इलाके में MHADA कॉलोनी अंधेरे के साये में जीने को मजबूर है। बीएमसी की लापरवाही का नतीजा यहां के निवासियों को भुगतना पड़ रहा है। दरअसल, 15 लाख रुपये से ज्यादा का बिजली बिल बकाया होने के कारण बिजली विभाग ने कॉलोनी के 47 स्ट्रीट लाइटों का कनेक्शन काट दिया है। इससे लोगों का शाम होते ही घर से निकलना मुश्किल हो गया है।
MHADA कॉलोनी के करीब दस हजार रहवासी इस समस्या की चपेट में हैं। सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों और बच्चों को हो रही है। कॉलोनी के पास मैंग्रोव के जंगल हैं, जहां से कभी भी सांप या दूसरे खतरनाक जानवर सड़क पर आ सकते हैं। रात के अंधेरे में यह खतरा और बढ़ गया है। कॉलोनी के निवासी रवि नाईक बताते हैं, “बिजली जाने के बाद से लोगों ने बच्चों को शाम होने के बाद घर से बाहर निकलने पर रोक लगा दी है।”
स्थानीय लोगों का कहना है कि अंधेरा होने से चोर और अपराधियों के हौसले भी बुलंद हो गए हैं। महिलाओं और बुजुर्गों को अकेले चलने में डर लगता है। लोग घरों से बाहर निकलने के लिए मोबाइल फोन की टॉर्च का सहारा लेने को मजबूर हैं।
इस मामले में बीएमसी और बिजली कंपनी के बीच भी ठन गई है। बीएमसी का दावा है कि बिल जमा कर दिया गया है, पर बिजली कंपनी को पैसा नहीं मिला है। स्थानीय विधायक मिहिर कोटेचा का कहना है कि उन्होंने मामले को बीएमसी के सामने उठाया है और जल्द कार्रवाई का आश्वासन मिला है।
बकाया बिजली बिल करीब 15 साल पुराना है। बिजली कंपनी बार-बार नोटिस देने के बावजूद बीएमसी ने इसे जमा नहीं किया। समस्या दूर करने की बजाए, बीएमसी और बिजली कंपनी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।