इनकम टैक्स विभाग ने गोडरेज इंडस्ट्रीज़ को कुछ नोटिस भेजे थे। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए इनकम टैक्स विभाग के नोटिस को रद्द कर दिया है।
इनकम टैक्स से जुड़े मामलों में कई बार समयसीमा (limitation period) का नियम होता है। इस नियम के तहत इनकम टैक्स विभाग को एक तय समय के अंदर ही नोटिस जारी करना होता है। अगर नोटिस समयसीमा के बाद आता है, तो उसे ग़ैरकानूनी माना जा सकता है।
इनकम टैक्स विभाग ने गोडरेज इंडस्ट्रीज़ को वर्ष 2014-15 से संबंधित इनकम टैक्स के लिए नोटिस भेजा था। गोडरेज ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर इस नोटिस को चुनौती दी। कंपनी का कहना था कि यह नोटिस समयसीमा खत्म होने के बाद भेजा गया है, इसलिए सही नहीं है।
कोर्ट ने गोडरेज की दलील को सही माना है। कोर्ट ने कहा कि इनकम टैक्स विभाग ने कानून के मुताबिक नोटिस नहीं भेजा है। इस वजह से इनकम टैक्स विभाग का नोटिस रद्द किया जाता है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने फ़ैसले में टैक्सेशन लॉ से जुड़े कुछ नियमों के बारे में बताया है।
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बॉम्बे हाईकोर्ट के इस फ़ैसले से गोडरेज इंडस्ट्रीज़ को इनकम टैक्स मामले में राहत मिली है। कोर्ट का यह फ़ैसला दूसरे टैक्स मामलों में भी अहम हो सकता है।