मुंबई

Bombay High Court: कोर्ट का फैसला: सिर्फ बहस करना गुनाह नहीं

Bombay High Court
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Bombay High Court: एक आदमी बस ड्राइवर से सड़क पर झगड़ पड़ा। ड्राइवर ने पुलिस में शिकायत की, लेकिन अब कोर्ट ने उस आदमी को बरी कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि सिर्फ बहस करने से कोई जुर्म नहीं होता।

ये मामला साल 2017 का है। बस ड्राइवर का कहना था कि उसकी बस साइड में खड़ी एक कार से टकरा गई थी। इसके बाद कार वाले ने बस में घुसकर उसके साथ गाली-गलौच की और उसे काम करने से रोका।

लेकिन कोर्ट ने सबूतों के आधार पर ये पाया कि ये मामला बस के कार से टकराने की वजह से शुरू हुआ था। कार वाला गुस्सा हो गया था और बस ड्राइवर से बहस करने लगा। कोर्ट ने कहा कि चूंकि कार वाला बस में सवारी नहीं था, तो उसका बस ड्राइवर से झगड़ा करने का कोई मतलब नहीं था। कोर्ट का मानना है कि ड्राइवर को काम से रोकने जैसा कोई इरादा नहीं था, बस गुस्से में कुछ ऊंच-नीच हो गई।

निश्चित रूप से कोर्ट का यह फैसला बहुत अहम है। कई बार छोटी-मोटी बातों पर लोग पुलिस में शिकायत कर देते हैं। इस केस से यह साफ हो गया है कि हर बहस या झगड़े को कानूनी अपराध नहीं माना जाएगा।

कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह की बहस में गाली-गलौज पर भी अलग से जुर्म नहीं बनता। इस तरह के मामलों को आपसी बातचीत से सुलझाना बेहतर होता है।

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