बॉम्बे हाई कोर्ट ने BMC को एक अहम आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि जो घूम-घूमकर सामान बेचने वाले (मोबाइल वेंडर्स) होते हैं, उनके लिए BMC को एक पॉलिसी बनानी चाहिए। इसके तहत उन्हें शहर में कुछ जगहों पर, कुछ तय समय के लिए सामान बेचने की छूट दी जानी चाहिए।
कोर्ट ने ये भी कहा कि दुनियाभर के कई बड़े शहरों जैसे लंदन, न्यूयॉर्क में इस तरह की व्यवस्था है। इससे सड़कें पैदल चलने वालों के लिए खाली हो पाती हैं। कोर्ट ने सुझाव दिया कि वीकेंड वगैरह पर कुछ सड़कों को पैदल यात्रियों के लिए आरक्षित कर दिया जाता है।
कोर्ट के मुताबिक, स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट (2014) में ‘मोबाइल वेंडर्स’ के लिए प्रावधान है, जिन्हें अलग-अलग जगहों पर सामान बेचने के लिए लाइसेंस मिलता है। BMC को चाहिए कि वो इसी कानून को आधार मानते हुए इन लोगों के लिए एक पॉलिसी तैयार करे।
कोर्ट ने एक रोचक सुझाव दिया कि कुछ जगहों पर हफ्ते में किसी एक दिन ‘पॉप-अप मार्केट’ लगाई जा सकती है। इसका मतलब ये कि वहां कोई भी स्थायी दुकान नहीं होगी, बल्कि कुछ घंटों के लिए ही वो मार्केट लगेगी! इस तरह किसी एक दुकानदार को उस जगह पर हमेशा के लिए कब्ज़ा करने का मौका नहीं मिलेगा।
देखना होगा कि BMC इस पर क्या कदम उठाती है! कोर्ट का सुझाव सही है कि हर इलाके के हिसाब से अलग-अलग व्यवस्था होनी चाहिए। जैसे, रहवासी इलाकों में घर के रोज़मर्रा के सामान को ज्यादा तरजीह दी जा सकती है।
कोर्ट ने ये भी साफ किया कि बिना लाइसेंस के फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। जून में इस केस की अगली सुनवाई होगी।