महाराष्ट्र चुनाव: पवार-ठाकरे का भाजपा गठबंधन का दरवाजा बंद करने का ऐलान बड़ी राजनीतिक खलबली मचाएगा
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार समाप्त हो चुका है और अब चुनावी शिष्टाचार के नियमों का पालन किया जाएगा। इस माहौल में, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिवसेना के मुखिया उद्धव ठाकरे ने एक बड़ा बयान देते हुए साफ कर दिया है कि वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ किसी भी स्थिति में गठबंधन नहीं करेंगे। यह घोषणा महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ी खलबली मचाएगी।
शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक कथित प्रस्ताव का हवाला देते हुए कहा कि वह और उद्धव ठाकरे भाजपा के साथ हाथ नहीं मिलाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा एक विशेष समुदाय को निशाना बनाती है और वे ऐसी पार्टी से कभी नहीं जुड़ेंगे। पवार ने विभिन्न रैलियों में प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधा।
इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोई प्रस्ताव नहीं दिया था, बल्कि केवल सलाह दी थी। उन्होंने पवार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि जब उनकी पार्टी कमजोर होती है तो वे कांग्रेस से मिलते हैं और जब मजबूत होती है तो अलग हो जाते हैं।
पवार और ठाकरे के इस बयान से महाराष्ट्र की सियासत में एक नया रोमांचक मोड़ आ गया है। एक तरफ मजबूत विपक्षी गठबंधन भाजपा के खिलाफ एकजुट हो गया है, जबकि भाजपा अपने सहयोगियों को साधने की कोशिश करेगी। यह घोषणा न केवल भाजपा की योजनाओं पर पानी फेरती है, बल्कि विपक्ष को भी एकजुट करने में मदद करेगी।
13 मई को होने वाले मतदान के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि कौन सी पार्टी या गठबंधन सत्ता में आएगा। इस चुनावी दौर में, दोनों पक्षों ने अपने उम्मीदवारों के समर्थन में रैलियां की और जमकर विरोधियों पर प्रहार किए। हालांकि, पवार और ठाकरे के इस बयान ने पूरे चुनावी समीकरण को बदल दिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस चुनौती का कैसे सामना करती है।