क्रिकेट की दुनिया में एक नया सितारा उभरकर सामने आया है, जिसका नाम है वैभव सूर्यवंशी। इस 14 साल के बाएं हाथ के बल्लेबाज ने वो कर दिखाया, जो बड़े-बड़े दिग्गज खिलाड़ी नहीं कर सके। वैभव ने आईपीएल में मात्र 35 गेंदों में शतक जड़कर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया। उनकी इस तूफानी पारी ने क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में जगह बना ली, लेकिन इसके साथ ही कुछ विवाद भी खड़े हो गए। आइए, इस ब्लॉग में जानते हैं वैभव की उपलब्धि, उन पर लगे आरोप, और इस पूरे मामले की सच्चाई।
14 साल में शतक: वैभव सूर्यवंशी की ऐतिहासिक पारी
वैभव सूर्यवंशी ने इतनी छोटी उम्र में आईपीएल जैसे बड़े मंच पर शतक ठोककर इतिहास रच दिया। उनकी बल्लेबाजी की खासियत है उनकी तेज तर्रार शैली और लंबे-लंबे छक्के। 90-90 मीटर के छक्के मारने वाले इस युवा खिलाड़ी ने अपनी काबिलियत से सभी को प्रभावित किया। उनकी इस पारी के बाद सोशल मीडिया पर फैंस उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो उनकी उम्र पर सवाल उठा रहे हैं।
विजेंदर सिंह का विवादित बयान
पूर्व भारतीय मुक्केबाज और ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट विजेंदर सिंह ने वैभव की उम्र को लेकर एक विवादित टिप्पणी की। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, “भाई आजकल उम्र छोटी करके क्रिकेट में भी खेलने लगे।” ये पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई। विजेंदर के इस बयान पर कई फैंस ने उनकी आलोचना की और कहा, “उम्र नहीं, टैलेंट देखो।” फैंस का मानना है कि वैभव की प्रतिभा पर ध्यान देना चाहिए, न कि उनकी उम्र पर सवाल उठाना चाहिए।
Bhai aaj kal umar choti ker ke cricket me bhe khelne lage 🤔
— Vijender Singh (@boxervijender) April 30, 2025
उम्र पर विवाद क्यों?
वैभव सूर्यवंशी पर उम्र के फर्जीवाड़े का आरोप लगने की वजह उनकी कद-काठी और खेलने की शैली है। 14 साल की उम्र में उनकी शारीरिक बनावट और शॉट्स की ताकत इतनी जबरदस्त है कि कई लोगों के लिए ये विश्वास करना मुश्किल हो रहा है। उनके लंबे छक्के और परिपक्व बल्लेबाजी को देखकर कुछ लोग उनकी उम्र पर शक कर रहे हैं। हालांकि, बीसीसीआई के एज ग्रुप क्रिकेट में वैभव कभी भी उम्र से जुड़े किसी टेस्ट में फेल नहीं हुए। उनकी उम्र को लेकर कोई ठोस सबूत भी सामने नहीं आया है।
बीसीसीआई के सख्त नियम
जानकारी हो कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) उम्र के फर्जीवाड़े को लेकर बहुत सख्त है। अगर कोई खिलाड़ी उम्र में धोखाधड़ी करता पाया जाता है, तो उस पर दो साल का बैन लग सकता है। इस दौरान वो बीसीसीआई से जुड़े किसी भी टूर्नामेंट या लीग में हिस्सा नहीं ले सकता। पहले भी कई खिलाड़ी, जैसे अंकित बावने, नीतीश राणा, रसिक सलाम, मनजोत कालरा, और प्रिंस राम निवास यादव, उम्र के फर्जीवाड़े के दोषी पाए गए थे और उन्हें सजा भुगतनी पड़ी थी।
वैभव का भविष्य
वैभव सूर्यवंशी की प्रतिभा को देखकर ये साफ है कि उनके पास क्रिकेट की दुनिया में बड़ा नाम कमाने की पूरी क्षमता है। उनकी बल्लेबाजी और आत्मविश्वास उन्हें एक उभरता हुआ सितारा बनाता है। हालांकि, उम्र को लेकर चल रहे विवाद उनके करियर पर असर डाल सकते हैं। लेकिन अगर वो अपनी मेहनत और लगन से आगे बढ़ते रहे, तो निश्चित रूप से भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ा योगदान दे सकते हैं।
वैभव सूर्यवंशी ने 14 साल की उम्र में जो कमाल किया, वो हर किसी के लिए प्रेरणा है। उनकी उपलब्धि पर गर्व करने के साथ-साथ हमें उनकी प्रतिभा का सम्मान करना चाहिए। उम्र को लेकर विवाद भले ही हो, लेकिन वैभव का टैलेंट निर्विवाद है। क्रिकेट प्रेमियों को चाहिए कि वे इस युवा खिलाड़ी को सपोर्ट करें और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करें।
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