मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स और शिलफाटा के बीच एक 21 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जा रही है। इस सुरंग में कुछ ऐसी खास बातें हैं, जिन्हें जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
इस सुरंग का 16 किलोमीटर का हिस्सा तीन टनल बोरिंग मशीनों (TBM) की मदद से खोदा जाएगा। बाकी 5 किलोमीटर का हिस्सा न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM) से बनाया जाएगा।
सुरंग की खासियत
सुरंग के 16 किलोमीटर वाले हिस्से को बनाने के लिए 76,940 खास तरह के सेगमेंट (टुकड़े) ढाले जाएंगे। इनसे 7,441 रिंग बनाई जाएंगी। हर रिंग में 9 घुमावदार सेगमेंट और एक की सेगमेंट होगा। ये सेगमेंट 2 मीटर चौड़े और आधा मीटर मोटे होंगे। इन सेगमेंट्स को बनाने के लिए खास तरह का मजबूत कंक्रीट (M70 ग्रेड) इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि सुरंग लंबे समय तक टिक सके।
सेगमेंट बनाने की जगह
इन सेगमेंट्स को बनाने और रखने के लिए ठाणे जिले के महापे में एक बड़ी सी जगह तैयार की गई है। यहां 9 सेट मोल्ड (सांचे) लगाए जाएंगे, जिनमें 10-10 सेगमेंट बनाए जाएंगे। इनमें से 4 मोल्ड तो अभी से लगने शुरू हो गए हैं।
सेगमेंट बनाने की प्रक्रिया
यहां क्रेन, गैन्ट्री और मशीनों की मदद से सेगमेंट्स को ऑटोमैटिक तरीके से बनाया जाएगा। इसके अलावा, यहां कास्टिंग शेड, स्टैकिंग एरिया, बैचिंग प्लांट और स्टीम क्योरिंग एरिया भी होगा।
बुलेट ट्रेन का सपना होगा साकार
इस सुरंग के बनने से मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को काफी मदद मिलेगी। इससे बुलेट ट्रेन का सपना जल्द ही साकार होगा।
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