CAA, NRC: नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) के लागू होने और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के आने की आशंकाओं के बीच, मुस्लिम समुदाय के लोगों को डर सता रहा है कि उनके पहचान दस्तावेजों में किसी भी तरह की गड़बड़ी के कारण उन्हें नागरिकता सूची से बाहर रखा जा सकता है। वकीलों का कहना है कि पिछले कुछ समय में नागरिकता साबित करने वाले दस्तावेज़ हासिल करने या मौजूदा दस्तावेज़ों में गड़बड़ियों को ठीक करने की होड़ मची हुई है।
साल 2020 में मुंबई सेंट्रल के ‘मुंबई बाग़’ में CAA के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान वकीलों ने स्थानीय मुसलमानों का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें सही पहचान पत्र हासिल करने में मदद करनी शुरू की थी। लेकिन, कोविड के कारण ये सिलसिला बाधित हो गया।
मुंबई सेंट्रल के मदनपुरा इलाके में पहचान दस्तावेज प्राप्त करने में लोगों की मदद कर रहे वकील ज़ुबैर आज़मी ने बताया, “मुंबई बाग़ के प्रदर्शन के दौरान, जिन लोगों के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं थे, वे मदद के लिए उनके पास आए। लोगों में डर था कि उन्हें ‘भारत से बाहर कर दिया जाएगा’। अपनी नागरिकता साबित करने के लिए लोग बेताब थे।”
मोहम्मद अली और उनकी पत्नी शकीला भी आज़मी के पास मदद के लिए पहुंचे। रिटायर्ड स्कूल अध्यापक शकीला का जन्म प्रमाण पत्र नए घर में शिफ्ट होते समय खो गया था। अली ने कहा, “हमारे पास पासपोर्ट हैं और हमने विदेश यात्राओं के लिए उनका इस्तेमाल भी किया है। लेकिन, हमें चिंता थी कि सिर्फ पासपोर्ट होना नागरिकता साबित करने के लिए काफी नहीं होगा।”
वकीलों के मुताबिक, CAA और NRC के तहत आधार, पैन, वोटर आईडी, राशन कार्ड, पासपोर्ट और स्कूल के दस्तावेज – इन सबका इस्तेमाल नागरिकता का दावा साबित करने के लिए किया जा सकता है। जिनके पास इनमें से कुछ दस्तावेज़ हैं, उन्हें चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। परेशानी की बात ये है कि कई दस्तावेज़ों में नाम की स्पेलिंग या अन्य जानकारी में गड़बड़ी होने से NRC बनने के दौरान उन्हें परेशानी हो सकती है।
मुंबई में लोगों को पहचान दस्तावेजों की गड़बड़ियां ठीक करने में मदद करने वाले कार्यक्रम ‘मेरा डॉक्यूमेंट मेरी पहचान’ के संचालक वकील नदीम सिद्दीकी ने बताया, “ज़्यादातर लोगों के पास ऐसे दस्तावेज़ हैं जो नागरिकता साबित करने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं, पर ज़्यादातर में नाम की स्पेलिंग या अन्य जानकारियों में गड़बड़ियां हैं।”
जिन लोगों ने अपने पहचान पत्र अपडेट करा लिए हैं, उनमें से कई कहते हैं कि सिर्फ CAA ही वो वजह नहीं थी जिसकी वजह से उन्होंने कानूनी मदद ली। ठाणे जिले के भिवंडी से रिटायर्ड शिक्षक राइया अंसारी ने कहा, “CAA ने हमें सही पहचान दस्तावेजों के महत्व का एहसास दिलाया है।”
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