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Carnac Bridge Load Test Set for June 13: करनाक पुल का लोड टेस्ट 13 जून को, जल्द खुलेगा दक्षिण मुंबई का रास्ता

Carnac Bridge Load Test Set for June 13: करनाक पुल का लोड टेस्ट 13 जून को, जल्द खुलेगा दक्षिण मुंबई का रास्ता

Carnac Bridge Load Test Set for June 13: मुंबई, भारत का वह शहर जो अपनी रफ्तार और सपनों के लिए जाना जाता है, अब एक बार फिर अपनी बुनियादी ढांचे की प्रगति के लिए चर्चा में है। करनाक पुल (Carnac Bridge), जो दक्षिण मुंबई में पूर्व-पश्चिम को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण रास्ता है, जल्द ही नए रूप में जनता के लिए खुलने वाला है। इस ब्रिटिशकालीन पुल को 2022 में ढहा दिया गया था, और अब तीन साल बाद, बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने इसका पुनर्निर्माण पूरा कर लिया है। 13 जून 2025 को, बीएमसी इस पुल की स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लोड टेस्ट (load test) करने जा रही है। यह कदम न केवल मुंबईकरों के लिए राहत की खबर है, बल्कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को और सुगम बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

करनाक पुल की कहानी 1922 से शुरू होती है, जब इसे पहली बार बनाया गया था। यह पुल मस्जिद बंदर रेलवे स्टेशन के पास स्थित है और पी डी मेलो रोड (P D’Mello Road) को सीधा रास्ता देता है। सेंट्रल रेलवे के ट्रैक के ऊपर बना यह पुल दक्षिण मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मोहम्मद अली रोड और मस्जिद बंदर जैसे इलाकों के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी था। लेकिन 2022 में, एक संरचनात्मक ऑडिट (structural audit) ने इसे असुरक्षित घोषित कर दिया। इसके बाद, बीएमसी ने इसे ढहाने और नए सिरे से बनाने का फैसला किया। इस प्रक्रिया में कई चुनौतियां आईं, लेकिन बीएमसी और सेंट्रल रेलवे की संयुक्त कोशिशों से यह प्रोजेक्ट अब अपने अंतिम चरण में है।

नए करनाक पुल का निर्माण एक जटिल और तकनीकी प्रक्रिया थी। जनवरी 2025 में, बीएमसी और सेंट्रल रेलवे ने 550 मीट्रिक टन वजनी लोहे के गर्डर (iron beams) को पुल के दक्षिणी और उत्तरी हिस्सों पर स्थापित किया। यह काम रेलवे ट्रैक के ऊपर होने के कारण बेहद जोखिम भरा था। गर्डर को सही जगह पर लगाने के लिए विशेष रेलवे ब्लॉक की व्यवस्था की गई। इसके बाद, फरवरी से चरणबद्ध तरीके से नींव से लेकर सड़क की डामरीकरण (asphalting) तक का काम शुरू हुआ। हालांकि, गर्डर की डिलीवरी में 15 दिनों की देरी ने निर्माण कार्य को थोड़ा प्रभावित किया, लेकिन बीएमसी ने पिछले दो महीनों में 24 घंटे काम करके इस कमी को पूरा कर लिया।

10 जून 2025 को, बीएमसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि पुल का मुख्य निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। अब केवल अंतिम छूआछूत का काम बाकी है, जैसे कि स्ट्रीट लाइट्स (street lights) लगाना और दिशा सूचक साइनबोर्ड (direction signages) स्थापित करना। यह काम अगले दो-तीन दिनों में पूरा हो जाएगा। बीएमसी के अतिरिक्त नगर आयुक्त (प्रोजेक्ट्स) अभिजीत बांगर ने बताया कि 13 जून को होने वाला लोड टेस्ट इस पुल की ताकत और स्थिरता को परखने का अंतिम चरण है। इस टेस्ट में भारी वाहनों को पुल पर रखकर यह जांचा जाएगा कि यह कितना वजन सहन कर सकता है। टेस्ट के परिणाम 48 घंटों में, यानी 15 जून तक, उपलब्ध होंगे। इसके बाद, वीरमाता जीजाबाई टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (VJTI) के विशेषज्ञों और ट्रैफिक पुलिस से सलाह लेकर पुल को वाहनों के लिए खोलने की तारीख तय की जाएगी।

नया करनाक पुल पुराने पुल से कई मायनों में अलग और बेहतर है। पुराना पुल केवल दो लेन का था, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या आम थी। लेकिन नया पुल चार लेन (four lanes) का है, जो दोगुने वाहनों को सुगमता से गुजरने की सुविधा देगा। 328 मीटर लंबा यह पुल, जिसमें 70 मीटर हिस्सा रेलवे ट्रैक के ऊपर है, 70 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इसका डिजाइन सेंट्रल रेलवे की मंजूरी के अनुसार तैयार किया गया है, और सलाहकार फर्म राइट्स लिमिटेड (RITES Ltd.) ने इसकी संरचनात्मक स्थिरता का प्रमाणपत्र (Structural Stability Certificate) भी जारी किया है। यह पुल न केवल ट्रैफिक की समस्या को कम करेगा, बल्कि दक्षिण मुंबई की कनेक्टिविटी को भी मजबूत करेगा।

हालांकि, कुछ काम अभी भी बाकी हैं। बीएमसी ने बताया कि पुल का फुटपाथ और सीढ़ियां (staircases) मानसून के बाद खोली जाएंगी, क्योंकि पश्चिमी हिस्से का कुछ काम बारिश के कारण रुका हुआ है। लेकिन मुख्य सड़क मार्ग (carriageway) जल्द ही वाहनों के लिए उपलब्ध होगा। इस प्रोजेक्ट की सफलता बीएमसी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, खासकर तब जब मुंबई में कई पुराने पुलों को फिर से बनाने की चुनौती सामने है। उदाहरण के लिए, गोखले पुल और घाटकोपर रेलवे ओवरब्रिज जैसे प्रोजेक्ट्स में देरी ने लोगों को परेशान किया है, लेकिन करनाक पुल का समय पर पूरा होना एक सकारात्मक उदाहरण है।

करनाक पुल का महत्व केवल इसके निर्माण तक सीमित नहीं है। यह उन हजारों मुंबईकरों के लिए एक वरदान है, जो रोजाना इस रास्ते से गुजरते हैं। मस्जिद बंदर के एक दुकानदार, इरफान शेख, ने बताया कि पुराना पुल बंद होने के बाद उन्हें अपने ग्राहकों तक पहुंचने में दिक्कत होती थी। नए पुल के खुलने से उनकी दुकान तक पहुंच आसान हो जाएगी। ऐसे ही कई लोग इस पुल के खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

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