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जाति जनगणना कराएगी केंद्र सरकार, मोदी कैबिनेट बैठक में लिए गए और कई अहम फैसले

जाति जनगणना
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30 अप्रैल 2025 को दिल्ली में हुई मोदी कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सरकार ने जाति जनगणना कराने, गन्ना किसानों के लिए लाभकारी मूल्य बढ़ाने और शिलॉन्ग-सिलचर कॉरिडोर को मंजूरी देने जैसे बड़े फैसले किए हैं। आइए, इन फैसलों को विस्तार से समझते हैं।

जाति जनगणना: एक ऐतिहासिक कदम
मोदी सरकार ने देश में जाति जनगणना कराने का बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आने वाली जनगणना में जाति आधारित आंकड़े भी शामिल किए जाएंगे। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 1947 के बाद से कांग्रेस सरकारों ने जाति जनगणना का विरोध किया और केवल राजनीतिक लाभ के लिए जाति सर्वे कराए।

क्या कहा अश्विनी वैष्णव ने?
“पीएम मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट ने फैसला किया है कि जाति जनगणना को मूल जनगणना का हिस्सा बनाया जाएगा। ये एक पारदर्शी और समावेशी कदम है।” ये फैसला सामाजिक समानता और नीति निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

गन्ना किसानों को बड़ी राहत
मोदी सरकार ने गन्ना किसानों के लिए भी बड़ा तोहफा दिया है। चीनी सीजन 2025-26 के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) 355 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। ये बेंचमार्क मूल्य सुनिश्चित करता है कि किसानों को उनकी उपज का उचित दाम मिले। कह सकते हैं कि ये कदम किसानों की आय बढ़ाने और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

शिलॉन्ग-सिलचर कॉरिडोर: पूर्वोत्तर का विकास
कैबिनेट ने मेघालय और असम को जोड़ने वाले 166.8 किलोमीटर लंबे शिलॉन्ग-सिलचर 4-लेन हाईवे को मंजूरी दी है। इस हाई-स्पीड कॉरिडोर की अनुमानित लागत 22,864 करोड़ रुपये है। ये परियोजना पूर्वोत्तर भारत में कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी।

क्यों महत्वपूर्ण है ये कॉरिडोर?
ये हाईवे मेघालय और असम के बीच यात्रा को तेज और सुरक्षित बनाएगा, साथ ही व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।

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