देश-विदेश

चंद्रबाबू नायडू: अभी CM भी नहीं बने, परिवार हो गया मालामाल, 5 दिन में ₹870 करोड़ बढ़ी संपत्ति

Chandrababu Naidu: Even before becoming CM, his family has become rich, property increased by ₹870 crores in 5 days

चंद्रबाबू नायडू: हाल के लोकसभा चुनावों में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) की धमाकेदार जीत और आंध्र प्रदेश में उसकी सरकार बनने की उम्मीद के बीच टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू के परिवार के लिए एक और खुशखबरी आई है। पिछले 5 दिनों में ही उनके परिवार की कुल संपत्ति में लगभग 870 करोड़ रुपए की बेहद अचानक वृद्धि हुई है। 

यह बेतहाशा वृद्धि उनके स्वामित्व वाली कंपनी हेरिटेज फूड्स के शेयरों की कीमतों में आई तेजी के चलते संभव हो पायी है। चुनावी नतीजों के बाद से ही हेरिटेज फूड्स के शेयरों में करीब 55% का उछाल देखा गया है, जिसके चलते कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 2,400 करोड़ रुपए से अधिक बढ़ गया है।  

हेरिटेज फूड्स एक डेयरी उत्पाद कंपनी है जिसकी शुरुआत नायडू ने खुद 1992 में की थी। इस कंपनी में नायडू परिवार के पास 35.7% हिस्सेदारी है। परिवार में नायडू की पत्नी भुवनेश्वरी के पास सबसे ज्यादा 24.37% हिस्सेदारी है। इसके अलावा उनके बेटे लोकेश और बहू ब्रम्हणी के पास क्रमशः 10.82% और 0.46% हिस्सेदारी है, जबकि उनके पोते देवांश के पास 0.06% हिस्सेदारी है।

इस जबरदस्त तेजी से परिवार की संपत्ति में बेतहाशा इजाफा हुआ है। 5 दिनों में भुवनेश्वरी की संपत्ति 579 करोड़ और बाकी परिवार की 291 करोड़ बढ़ गई। इस प्रकार परिवार की कुल संपत्ति में 870 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है।

यह कहानी राजनीति और कारोबारी दुनिया के घनिष्ठ रिश्तों पर एक बार फिर प्रकाश डालती है। नायडू की पार्टी के चुनाव जीतने के बाद उनके परिवार की संपत्ति में इतनी तेज वृद्धि ने कई सवाल खड़े किए हैं। हालांकि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इसे एक सामान्य घटना कहा जा सकता है, लेकिन भारत जैसे विकासशील देश में इस घटना को एक नए नजरिए से देखा जाना चाहिए।

राजनेताओं और उनके परिवारों की बेतहाशा संपत्ति वृद्धि की यह प्रवृत्ति लोकतंत्र और नागरिकों के हितों के लिए खतरा पैदा कर सकती है। जब राजनेता अपना निजी स्वार्थ देश के हितों से ऊपर रखने लगते हैं तो यह काफी चिंता का विषय बन जाता है। 

हालांकि हमारे देश में इसकी बहुत मिसालें देखी जा चुकी हैं, लेकिन चंद्रबाबू नायडू की यह कहानी एक नया मोड़ ले आई है। अभी तो उन्हें मुख्यमंत्री भी नहीं बना है और उनका परिवार पहले से ही करोड़पति बन चुका है। ऐसे में उनकी आगामी पदभार ग्रहण करने के बाद क्या स्थिति होगी, यह अनुमान भी लगाया जा सकता है।  

यह पूरी घटना एकबार फिर यह बताती है कि भारत में बड़ी संख्या में लोग अमीर बनने की चाहत में राजनीति का रास्ता अपनाते हैं, न कि देश की सेवा करने के लिए। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि नायडू जैसे नेता अपनी शपथ के मुताबिक काम करेंगे और राज्य की प्रगति को प्राथमिकता देंगे, न कि अपने निजी स्वार्थों को। देश और लोकतंत्र की सुरक्षा इसी में निहित है।

ये भी पढ़ें: नहीं रहे फिल्म सिटी के फाउंडर रामोजी राव, हैदराबाद में ली अंतिम सांस, PM मोदी समेत कई हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि

You may also like