मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवनेरी किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर ‘दंड पत्ता’ को महाराष्ट्र का आधिकारिक राज्य शस्त्र घोषित किया।
दंड पत्ता तलवार की एक विशेष किस्म होती है जिसमें दस्ताने जैसी मुठिया लगी होती है। मराठा साम्राज्य के उदय के समय 17वीं और 18वीं शताब्दी में इस हथियार का व्यापक उपयोग हुआ। इसकी ऐतिहासिक महत्ता के कारण सरकार ने इसे राज्य शस्त्र का दर्जा दिया है।
महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने में मुनगंटीवार लगातार प्रयासरत रहे हैं। ‘दंड पत्ता’ को राज्य शस्त्र घोषित करने का फ़ैसला इसी श्रृंखला का एक हिस्सा है। ऐतिहासिक घटनाओं में दंड पत्ता के योगदान का ज़िक्र करते हुए उन्होंने इसके चयन की वजह बताई। अफज़ल खान के साथ ऐतिहासिक मुठभेड़ में शिवाजी के अंगरक्षक जीवा महाला के ‘दंड पत्ता’ से ही हमलावर सय्यद बंदा का हाथ काटने की बात कही जाती है। इसी तरह पावनखिंड की लड़ाई में बाजी प्रभु देशपांडे द्वारा ‘दंड पत्ता’ के साहसिक इस्तेमाल का उल्लेख मिलता है।
छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत का सम्मान करते हुए महाराष्ट्र सरकार ने ‘दंड पत्ता’ को राज्य शस्त्र बना कर मराठा योद्धाओं के शौर्य को रेखांकित किया है। इससे राज्य की सांस्कृतिक विरासत को एक नई पहचान मिली है।