मुंबई

फ्लेमिंगो के लिए पीली रोशनी: नवी मुंबई में बदलेंगी सड़क की लाइटें, सिडको की नई पहल

फ्लेमिंगो के लिए पीली रोशनी: नवी मुंबई में बदलेंगी सड़क की लाइटें, सिडको की नई पहल
नवी मुंबई में फ्लेमिंगो की सुरक्षा: क्या आपने कभी सोचा है कि शहर की चमकदार लाइटें पक्षियों के लिए खतरनाक हो सकती हैं? नवी मुंबई में ऐसा ही कुछ हो रहा था। लेकिन अब सिडको (CIDCO) ने फ्लेमिंगो पक्षियों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। आइए जानते हैं कि क्या है यह नया बदलाव और क्यों है यह जरूरी।

फ्लेमिंगो को क्यों हो रही थी परेशानी?

नवी मुंबई में तेज रोशनी वाली सड़क की बत्तियां फ्लेमिंगो पक्षियों के लिए मुसीबत बन गई थीं। ये चमकदार लाइटें उन्हें अंधा कर देती थीं और वे अपना रास्ता भूल जाते थे। इससे कई फ्लेमिंगो दुर्घटनाग्रस्त हो रहे थे और कुछ की मौत भी हो रही थी। जनवरी से अप्रैल के बीच 17 फ्लेमिंगो की मौत हो गई थी। यह एक बड़ी चिंता का विषय था।

सिडको का नया प्लान: पीली LED लाइटें

इस समस्या को हल करने के लिए सिडको ने एक नया प्लान बनाया है। वे सफेद LED लाइटों की जगह हल्की पीली LED लाइटें लगाएंगे। ये नई लाइटें फ्लेमिंगो के लिए कम नुकसानदायक होंगी। नेरुल जेट्टी के पास वाटर ट्रांसपोर्ट टर्मिनल तक जाने वाली सड़क पर कुल 96 बिजली के खंभे लगाए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट पर सिडको 28.97 लाख रुपये खर्च करेगा।

पर्यावरण प्रेमियों की भूमिका

इस बदलाव में पर्यावरण प्रेमियों की बड़ी भूमिका रही है। ज्योति नडकर्णी जैसे एक्टिविस्ट का कहना है कि शहरी जीवन में लाइट पॉल्यूशन (प्रकाश प्रदूषण) एक बड़ी समस्या है। इससे पक्षियों को अपना रास्ता ढूंढने में दिक्कत होती है। इसी वजह से पनवेल के वडाले झील में भी तेज रोशनी के खिलाफ एक मुहिम चलाई गई थी।

सेव फ्लेमिंगो एंड मैंग्रोव्स ग्रुप की रेखा संखला ने बताया कि पहले वाटर ट्रांसपोर्ट टर्मिनल पर एक 20 फीट ऊंचा साइनबोर्ड था। इसकी रोशनी से चकाचौंध होकर कई फ्लेमिंगो उससे टकरा जाते थे। फरवरी में सिडको ने पर्यावरण प्रेमियों की मांग पर इस साइनबोर्ड को हटा दिया।

फ्लेमिंगो संरक्षण के और उपाय

नैटकनेक्ट NGO के डायरेक्टर बी.एन. कुमार ने बताया कि बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (BNHS) ने सड़क की लाइटों को फ्लेमिंगो के लिए खतरा बताया था। उन्होंने सुझाव दिया कि लाइटें 45 डिग्री के कोण पर लगाई जाएं, ताकि रोशनी सीधे नीचे की ओर जाए, न कि बगल में। सिडको से उम्मीद है कि वे इन सुझावों का पालन करेंगे।

फ्लेमिंगो संरक्षण का महत्व

फ्लेमिंगो न सिर्फ सुंदर पक्षी हैं, बल्कि वे पर्यावरण के लिए भी बहुत जरूरी हैं। वे प्रवासी पक्षी हैं जो हर साल नवी मुंबई आते हैं। इनकी सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। सिडको का यह कदम दिखाता है कि विकास और पर्यावरण संरक्षण साथ-साथ चल सकते हैं।

हमारी जिम्मेदारी

हमें भी अपने स्तर पर फ्लेमिंगो संरक्षण में मदद करनी चाहिए। हम अपने घरों और दफ्तरों में भी रात में जरूरत न होने पर लाइटें बंद कर सकते हैं। इससे न सिर्फ बिजली बचेगी, बल्कि पक्षियों को भी मदद मिलेगी।

नवी मुंबई का यह प्रयास एक मिसाल है कि कैसे शहरी विकास और प्रकृति संरक्षण को संतुलित किया जा सकता है। आशा है कि अन्य शहर भी इससे सीख लेंगे और अपने यहां के पक्षियों और जानवरों की सुरक्षा के लिए ऐसे ही कदम उठाएंगे।

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