कांग्रेस पार्टी में बड़ा झटका लगा है। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे का कारण उनका एक विवादित बयान है, जिसमें उन्होंने भारत के विभिन्न हिस्सों के लोगों की तुलना अन्य देशों के नागरिकों से की थी।
विवादित बयान में पित्रोदा ने कहा था कि भारत के पूर्वी हिस्से के लोग चीनियों जैसे और दक्षिणी भारत के लोग अफ्रीकियों जैसे दिखते हैं। उनके इस बयान पर काफी विवाद हुआ और इसे रंगभेदी टिप्पणी के रूप में देखा गया। उनके बयान को भारतीय समाज की विविधता की गलत परिभाषा बताते हुए कांग्रेस पार्टी ने इसे अस्वीकार कर दिया।
इस मामले में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि सैम पित्रोदा ने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया है, जिसे पार्टी ने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा, “सैम पित्रोदा के बयान को गलत और अस्वीकार्य माना गया है। उन्होंने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है, जिसे पार्टी ने स्वीकार कर लिया है।”
सैम पित्रोदा के इस विवादित बयान से पार्टी में भी काफी आलोचना हुई थी। विपक्षी पार्टियों ने भी इसे आपत्तिजनक करार दिया था। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इसकी कड़ी आलोचना की थी। उनका आरोप था कि यह बयान भारतीय समाज की विविधता के प्रति अनादर है और रंगभेदपूर्ण मानसिकता का प्रतीक है।
इस पूरे घटनाक्रम ने भारतीय राजनीति में एक बड़ी चर्चा छेड़ दी है। नेताओं के बयानों की संवेदनशीलता और उनके सामाजिक प्रभाव पर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ। पित्रोदा के इस बयान और उनके इस्तीफे ने भारतीय समाज की विविधता और एकता के महत्व पर प्रकाश डाला है।
विशेषज्ञों का कहना है कि राजनेताओं को अपने बयानों के प्रति सचेत रहना चाहिए। किसी भी प्रकार के भेदभाव और आपत्तिजनक टिप्पणियों से बचना चाहिए। उन्हें भारत की विविधता और एकता को बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए। सैम पित्रोदा के इस्तीफे को इसी प्रकार का एक कदम माना जा रहा है।