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प्रधानमंत्री मोदी के वादे पर कांग्रेस का सवाल: आंध्र को विशेष दर्जा या जुमला?

प्रधानमंत्री मोदी के वादे पर कांग्रेस का सवाल: आंध्र को विशेष दर्जा या जुमला?

आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने का मुद्दा भारतीय राजनीति में काफी महत्वपूर्ण रहा है। कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा पूरा नहीं किया गया है और इसे केवल एक “जुमला” कहा गया है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी की एक पुरानी वीडियो साझा करते हुए सवाल उठाया कि क्या आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने का वादा सिर्फ एक जुमला था। उन्होंने यह भी पूछा कि प्रधानमंत्री विशाखापत्तनम इस्पात कारखाना को अपने मित्रों को बेचने के लिए क्यों आतुर हैं और मोदी सरकार पोलावरम सिंचाई परियोजना को क्यों रोक रही है।

जयराम रमेश ने याद दिलाया कि 20 फरवरी 2014 को राज्यसभा में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आंध्र प्रदेश को 5 साल के लिए विशेष दर्जा देने का वादा किया था। उस समय के भाजपा नेता एम. वेंकैया नायडू ने कहा था कि भाजपा सरकार यह दर्जा 10 साल के लिए देगी। लेकिन 2014 के बाद से, मोदी सरकार इस वादे को पूरा करने में विफल रही है।

विशेष राज्य का दर्जा एक ऐसा दर्जा है जो केंद्र सरकार द्वारा कुछ विशेष राज्यों को दिया जाता है जिनके पास स्वयं के संसाधन सीमित होते हैं और जो दुर्गम भौगोलिक स्थिति एवं सामाजिक-आर्थिक विषमताओं के कारण विकास के मामले में पिछड़े हुए होते हैं। इस दर्जे के तहत, विशेष राज्यों को केंद्रीय सहायता के तौर पर प्रदान की जाने वाली राशि में 90% अनुदान और 10% ऋण होता है, जबकि अन्य सामान्य राज्यों को 70% ऋण के रूप में और 30% अनुदान के रूप में राशि प्रदान की जाती है।

यह मुद्दा आंध्र प्रदेश के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त होने पर राज्य को केंद्र से अधिक वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे राज्य के विकास कार्यों को गति मिलेगी। इस मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच मतभेद है और राजनीतिक बहस जारी है। आंध्र प्रदेश के लोगों के लिए इस मुद्दे का समाधान उनके विकास और भविष्य के लिए अहम है।

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