जानकारी के अनुसार, जलगांव के प्रभावशाली नेता सुरेशदादा जैन ने शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट छोड़कर बीजेपी का समर्थन किया है। यह फैसला जलगांव लोकसभा सीट पर बीजेपी की चुनावी संभावनाओं को बढ़ावा देने वाला साबित हो सकता है।
80 वर्षीय सुरेशदादा जैन एक प्रभावशाली और विवादास्पद व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने पिछले कई दशकों में विभिन्न राजनीतिक दलों का हिस्सा रहते हुए जलगांव की राजनीति पर अपनी छाप छोड़ी है। वे लंबे समय तक जलगांव शहर के प्रतिनिधि रहे हैं और एक समय में कई सार्वजनिक इमारतें उनके नाम पर थीं।
हालांकि, उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं और उन्हें आवास घोटालों के मामलों में जेल भी जानी पड़ी। अब जमानत पर बाहर आने के बाद, उन्होंने बीजेपी का समर्थन किया है और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत” की दृष्टि को साकार करने की दिशा में एक कदम बताया है।
उनके इस समर्थन से जलगांव में बीजेपी की स्थिति मजबूत हो सकती है, जहां उसे शिवसेना यूबीटी के खिलाफ कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, सुरेशदादा के आपराधिक इतिहास और उनके विवादास्पद बयानों के कारण यह समर्थन बीजेपी के लिए एक कलंक भी साबित हो सकता है।
इस प्रकार, जलगांव लोकसभा सीट पर चुनावी समीकरण और भी रोचक हो गए हैं, जहां एक वरिष्ठ नेता के समर्थन से बीजेपी को लाभ मिल सकता है, लेकिन इसके साथ ही विवादित बयानों और आपराधिक इतिहास के कारण नुकसान भी हो सकता है।