मुंबई की एक कोर्ट ने तिलक नगर पुलिस को ₹10 करोड़ के धोखाधड़ी के मामले में निष्क्रियता के लिए नोटिस भेजा है। आरोप है कि पुलिस ने एंकर ग्रुप के खिलाफ केस तो दर्ज कर लिया पर आगे कोई कार्रवाई नहीं की।
यह मामला तिलक ग्रीन व्यू को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी के पुनर्विकास से जुड़ा है। शिकायतकर्ता श्रीनाथजी डेवलपर्स के प्रमोटर राजेश मेहता ने फरवरी 2010 में एंकर ग्रुप के साथ जॉइंट वेंचर (Huges Real Estates Developers Pvt Ltd) बनाया था। मेहता का आरोप है कि GST और विमुद्रीकरण के बाद प्रोजेक्ट में बाधा आई और एंकर ग्रुप ने पैसों का गबन किया।
राजेश मेहता ने अपने वकील मर्मिक शाह के माध्यम से कोर्ट में पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ याचिका दायर की। याचिका में कहा गया है कि FIR दर्ज होने के चार महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद भी तिलक नगर पुलिस ने न तो आरोपियों के बैंक खाते फ्रीज़ किए हैं और न ही उनकी गिरफ्तारी के लिए कोई कदम उठाए हैं।
मेहता ने यह भी आरोप लगाया है कि एंकर ग्रुप के लोग काफी प्रभावशाली हैं और पहले भी मामले की जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर चुके हैं। उन्होंने इस मामले में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया था, पर कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण उन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
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यह मामला यह दिखाता है कि किस तरह प्रभावशाली लोग कानूनी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। पुलिस की निष्क्रियता से पीड़ितों को न्याय मिलने में देरी होती है। कोर्ट का यह नोटिस यह सुनिश्चित करेगा कि पुलिस अपना काम करे और मामले की ठीक से जांच हो।