Eknath Shinde’s Warning: महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है। एक तरफ शिवसेना (UBT) है, जिसका नेतृत्व उद्धव ठाकरे कर रहे हैं, और दूसरी तरफ राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) हैं। हाल ही में शिंदे ने एक ऐसा बयान दिया जिसने राजनीति में नई बहस छेड़ दी। उन्होंने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि अगर शिवसेना (UBT) ने उनकी पार्टी और सरकार की आलोचना बंद नहीं की, तो उनके पास मौजूदा 20 विधायकों में से केवल दो ही विधायक बचेंगे।
यह चेतावनी तब आई जब शिंदे ने बाल ठाकरे की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर उन्होंने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे और अपने गुरु आनंद दिघे को याद किया। साथ ही, उन्होंने उद्धव ठाकरे पर सीधा निशाना साधा।
शिवसेना (UBT) को जनता ने पहले ही जवाब दे दिया: शिंदे
एकनाथ शिंदे का कहना है कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता ने पहले ही उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) को करारा जवाब दिया है। शिंदे के मुताबिक, जनता अब उनकी राजनीति को समझ चुकी है और उनकी आलोचना को नकार रही है।
शिंदे ने कहा,
“अगर उन्होंने आलोचना बंद नहीं की तो उनके पास 20 में से सिर्फ 2 विधायक ही बचेंगे। जनता ने उन्हें उनकी जगह दिखा दी है और यह समय है कि वे आत्ममंथन करें।”
शिंदे ने यह भी कहा कि शिवसेना (UBT) और विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाड़ी (MVA) पहले दिन से ही उनकी पार्टी और महायुति (गठबंधन सरकार) पर हमला कर रहे हैं। लेकिन इससे उनकी पार्टी और सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा।
क्या उद्धव ठाकरे की पार्टी के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है?
एकनाथ शिंदे के बयान के बाद, राजनीति में यह चर्चा गर्म है कि क्या शिवसेना (UBT) के विधायक वाकई पार्टी छोड़ सकते हैं। इस पर शिवसेना (UBT) के नेताओं का कहना है कि यह सब एक सियासी खेल है, और कोई भी विधायक पार्टी नहीं छोड़ने वाला।
हालांकि, शिवसेना (शिंदे गुट) के मंत्री उदय सामंत ने दावा किया है कि जल्द ही उद्धव ठाकरे गुट और कांग्रेस के कई विधायक शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल हो सकते हैं। उदय सामंत के इस बयान ने राजनीतिक माहौल को और गर्म कर दिया है।
शिवसेना में बंटवारा: कैसे शुरू हुई कहानी?
महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना हमेशा से एक मजबूत पार्टी रही है। लेकिन पिछले साल शिवसेना में बड़ी फूट पड़ी, जब एकनाथ शिंदे ने अपने समर्थक विधायकों के साथ पार्टी को छोड़ दिया। उन्होंने यह दावा किया कि वह असली शिवसेना का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस कदम के बाद, शिवसेना दो गुटों में बंट गई –
- एकनाथ शिंदे की शिवसेना (जो अब राज्य में सत्ता में है)।
- उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT), जो अब विपक्ष में है।
इस बंटवारे के बाद से ही दोनों गुटों के बीच जुबानी जंग जारी है।
क्या कहती है जनता?
राज्य की जनता इस राजनीति को बड़े ध्यान से देख रही है। चुनावी नतीजों ने यह दिखा दिया है कि जनता अब शिवसेना (UBT) की राजनीति से खुश नहीं है। शिंदे गुट का कहना है कि उनकी नीतियां और गठबंधन राज्य के विकास के लिए बेहतर हैं।
लेकिन क्या जनता वाकई में शिवसेना (UBT) को पूरी तरह से नकार चुकी है? इसका जवाब आने वाले चुनाव ही देंगे।
महाराष्ट्र की राजनीति में यह लड़ाई अब पार्टी के अस्तित्व की लड़ाई बन चुकी है। उद्धव ठाकरे के लिए यह समय बड़ा कठिन है। एकनाथ शिंदे लगातार यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि उनकी पार्टी असली शिवसेना है। अब देखना यह है कि इस खींचतान का अंत कैसे होता है।
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