पणवेल पुलिस एक ऐसे साइबर अपराधी की तलाश कर रही है जिसने एक निजी कंपनी से ₹1.54 करोड़ की भारी रकम ऐंठ ली है। अपराधी ने बेहद चालाकी से “मैन-इन-द-मिडिल” अटैक का इस्तेमाल कर कंपनी को धोखा दिया। इस पद्धति में हैकर्स किसी भी दो पक्षों के बीच चल रही बातचीत में घुस जाते हैं और अपनी तरफ से जानकारी बदल देते हैं।
पीड़ित कंपनी का कारोबार दवा बनाने की मशीनों की सप्लाई का है। वे नियमित तौर पर एक चीनी कंपनी से मशीनें आयात करती हैं, जिसके लिए अग्रिम भुगतान किया जाता है। दोनों कंपनियों के बीच सारा लेनदेन ईमेल के माध्यम से होता है। साइबर अपराध एक बढ़ती हुई समस्या है जिसके चंगुल में बड़ी-बड़ी कंपनियां भी फंस जाती हैं।
8 जनवरी को पणवेल की कंपनी ने नया ऑर्डर दिया। इसके बाद, 24 जनवरी को उन्हें कथित रूप से चीनी कंपनी का ईमेल आया, जिसमें बैंक अकाउंट बदलने की सूचना दी गई थी। पणवेल की कंपनी को किसी भी गड़बड़ी का अंदेशा नहीं हुआ और उन्होंने नए अकाउंट में ₹1.54 करोड़ का भुगतान कर दिया। जब चीनी कंपनी ने सामान भेजने से पहले पेमेंट मांगा, तब उन्हें धोखाधड़ी का एहसास हुआ।
कंपनी को पुराने भुगतान प्रोसेस पर भरोसा करने की जगह इस बैंक बदलाव की जानकारी के लिए चीनी कंपनी से किसी दूसरे तरीके से पुष्टि कर लेनी चाहिए थी। साइबर सुरक्षा के लिहाज से, किसी भी तरह के बदलाव पर फोन करके या वीडियो कॉल के जरिए पुष्टि करना जरूरी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और अपराधी की तलाश जारी है।
इस मामले में धोखाधड़ी के लिए भारतीय दंड संहिता (IPC) के सेक्शन 419 (व्यक्ति की छद्म पहचान से धोखा), 420 (धोखाधड़ी) और साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) के तहत सेक्शन 66C (पहचान की चोरी), 66D (कंप्यूटर के माध्यम से व्यक्ति की छद्म पहचान से धोखा) लगाए गए हैं।