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MNS Shiv Sena Tieup: राज-उद्धव का गठबंधन तय, मराठी वोटों को एकजुट कर नगर निकाय चुनाव में मचाएंगे धमाल!

MNS Shiv Sena Tieup: राज-उद्धव का गठबंधन तय, मराठी वोटों को एकजुट कर नगर निकाय चुनाव में मचाएंगे धमाल!

MNS Shiv Sena Tieup: महाराष्ट्र में नगर निकाय चुनावों की सरगर्मी तेज हो रही है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे और उनके चचेरे भाई उद्धव ठाकरे की शिवसेना के बीच राज उद्धव गठबंधन की बातें जोरों पर हैं। दोनों पार्टियां मराठी वोटों को एकजुट करने की कोशिश में लगी हैं, क्योंकि पिछले विधानसभा चुनावों में शिवसेना को महज 20 सीटें मिली थीं। कई पुराने पार्षद और नेता उद्धव के साथ नहीं रहे, इसलिए राज ठाकरे का समर्थन अब जरूरी हो गया है। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि इस युति में राज का पलड़ा भारी पड़ेगा।

पिछले कुछ महीनों में दोनों ने कई बार मंच साझा किया है। जुलाई में स्कूलों की तीन भाषा नीति के खिलाफ दोनों ने एक साथ विरोध किया। सरकार को आदेश वापस लेना पड़ा, तो वलीं में संयुक्त विजय रैली हुई। इस रैली में उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे और राज के बेटे अमित ठाकरे भी दिखे। मंच पर दोनों पक्षों की आत्मीयता ने सबको हैरान कर दिया। इसके बाद अगस्त में राज ने उद्धव को जन्मदिन की बधाई देने मातोश्री का दौरा किया। उद्धव का परिवार भी गणपति उत्सव के लिए राज के शिवतीर्थ पहुंचा। राज ने कहा कि मराठी पहचान और महाराष्ट्र के भले के लिए पुराने झगड़े भूल जाएंगे।

शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भी माना है कि बाहरी विवाद खत्म हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि उद्धव और राज मिलकर मुंबई, ठाणे, नासिक और कल्याण-डोंबिवली के नगर निकाय चुनाव लड़ेंगे। मनसे ने मुंबई में बैनर लगाए हैं, जिनमें लिखा है कि थackeray ब्रांड ही बीएमसी की दही हांडी तोड़ेगा। राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि शिवसेना कमजोर हुई है, इसलिए उद्धव को राज के साथ मनसे शिवसेना युति की जरूरत है। राज ठाकरे मराठी वोटों के मुद्दे पर मजबूत पकड़ रखते हैं, जो इस गठबंधन में फायदा देगा।

राज ठाकरे ने हाल ही में देवेंद्र फडणवीस से भी मुलाकात की, लेकिन उन्होंने साफ किया कि यह टाउन प्लानिंग के मुद्दों पर थी। फिर भी, इससे महाराष्ट्र की सियासत में हलचल मच गई। उद्धव ने राज के घर शिवतीर्थ का दूसरा दौरा किया, जो दो हफ्तों में दूसरी बार था। दोनों पार्टियों के नेता अब सीट शेयरिंग पर बात कर रहे हैं। मनसे बीएमसी में 90 से 95 सीटों पर लड़ने की तैयारी में है। नगर निकाय चुनाव गठबंधन से मराठी वोट एकजुट होंगे, जो शिंदे गुट और बीजेपी के लिए चुनौती बनेगा।

यह राज उद्धव गठबंधन महाराष्ट्र की राजनीति में नया दौर ला सकता है। दोनों चचेरे भाइयों ने 2005 के बाद पहली बार इतना करीब आना दिखाया है। मराठी वोटों को एकजुट करने का लक्ष्य दोनों का है, और राज का समर्थन उद्धव के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। हाल ही में BEST सोसाइटी चुनाव में दोनों ने साथ लड़ा, लेकिन हार गए। इससे सीख लेते हुए वे नगर निकाय चुनावों के लिए मजबूत रणनीति बना रहे हैं।

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