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औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग तेज, हिंदुत्ववादी संगठनों ने किया विरोध प्रदर्शन

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को भिवंडी शहर में छत्रपति शिवाजी महाराज मंदिर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि औरंगजेब की कब्र का महिमामंडन किसी भी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस देश में अगर किसी का सम्मान होगा, तो वो छत्रपति शिवाजी महाराज का होगा।

औरंगजेब की कब्र पर विवाद क्यों?
फडणवीस ने कहा कि औरंगजेब की कब्र को संरक्षित रखा गया है, जिससे केंद्र और राज्य सरकार पर इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी आ गई है। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि जिस औरंगजेब ने हजारों लोगों की हत्या की, उसी की कब्र का संरक्षण किया जा रहा है। उन्होंने वचन दिया कि महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र का महिमामंडन नहीं होने दिया जाएगा। अगर कोई ऐसा प्रयास करेगा, तो उसे कुचल दिया जाएगा।

महाराष्ट्र में बढ़ा विरोध प्रदर्शन
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। छत्रपति संभाजीनगर में हिंदुत्ववादी संगठनों ने इस मुद्दे को लेकर आक्रामक रुख अपनाया है। कोल्हापुर में बजरंग दल के नेतृत्व में जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया गया। खास बात ये रही कि एक टेंपो में औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र बनाकर उसे हथौड़े से तोड़ा गया।

कब्र को हटाने की मांग तेज 
प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई। पुलिस ने टेंपो जब्त कर लिया, जिससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने सवाल उठाया कि अगर प्रतीकात्मक कब्र नहीं रह सकती, तो असली कब्र की क्या जरूरत है? बजरंग दल के जिला अध्यक्ष कुंदन पाटिल ने मांग की कि औरंगजेब की कब्र को तुरंत हटाया जाए। वहीं, खुल्दाबाद में औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई है, और प्रवेश के मुख्य रास्तों पर लोहे की ग्रिल लगाई गई हैं।

राजनीति और प्रतिक्रिया
इस मामले में कांग्रेस नेता भाई जगताप ने कहा कि औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र में है, जिससे ये साफ हो जाता है कि शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज ने इस क्रूर शासक को 27 वर्षों तक परेशान रखा और महाराष्ट्र पर कब्जा नहीं करने दिया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया
बीजेपी नेता राम कदम ने कहा कि औरंगजेब जैसे शासक का महिमामंडन गलत है और उसकी कब्र को हटाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे इस मांग का समर्थन करते हैं। वहीं, कांग्रेस नेता हर्षवर्धन सपकाल के बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता केवल राहुल गांधी को खुश करने के लिए ये बयान दे रहे हैं कि औरंगजेब और फडणवीस एक समान हैं।

साफ है कि ये विवाद महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ ले चुका है। जहां एक ओर कुछ संगठन औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे पर सरकार क्या कदम उठाती है।

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