महाराष्ट्र में विधायकों को विकास निधि (Development fund for MLAs in Maharashtra) की खबर ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। आइए जानते हैं इस फैसले के बारे में विस्तार से।
चुनाव से पहले सरकार का बड़ा कदम
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की घोषणा होने से पहले राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई में सरकार ने राज्य के सभी विधायकों के लिए एक बड़ी राशि मंजूर की है। यह राशि विकास कार्यों के लिए इस्तेमाल की जाएगी।
सरकार ने कुल 273 विधायकों के लिए 218 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। इसका मतलब है कि हर विधायक को 80 लाख रुपये मिलेंगे। यह पैसा विधायक अपने क्षेत्र में विकास के काम करवाने के लिए खर्च कर सकेंगे। सड़क बनाना छोटे पुल बनवाना या फिर स्कूल की मरम्मत जैसे काम इस पैसे से हो सकेंगे।
सभी विधायकों को एक जैसा फायदा
इस फैसले में सबसे खास बात यह है कि सरकार ने सभी विधायकों को बराबर की राशि देने का फैसला किया है। चाहे वो सत्ता पक्ष के विधायक हों या फिर विपक्ष के सभी को 80-80 लाख रुपये मिलेंगे। इससे किसी तरह के भेदभाव का आरोप नहीं लगेगा।
मुंबई के 36 विधायकों को कुल 28.80 करोड़ रुपये मिलेंगे। वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गृह जिले ठाणे को 14.40 करोड़ रुपये मिलेंगे। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के शहर नागपुर को 8 करोड़ और अजित पवार के पुणे को 16.80 करोड़ रुपये मिलेंगे।
चुनावी मौसम में सरकार की मेहरबानी
यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब राज्य में विधानसभा चुनावों की घोषणा होने वाली है। नवंबर में चुनाव होने की संभावना है। ऐसे में सरकार का यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है। कई लोगों का मानना है कि सरकार विधायकों को खुश करने की कोशिश कर रही है।
हालांकि सरकार का कहना है कि यह पैसा विकास कार्यों के लिए है। इससे लोगों को फायदा होगा। सड़कें बनेंगी स्कूलों की मरम्मत होगी और छोटे-छोटे काम पूरे होंगे। लेकिन विपक्षी दलों को शक है कि क्या यह पैसा वाकई में विकास के काम पर खर्च होगा।
चुनाव आयोग की नजर
इस बीच चुनाव आयोग भी महाराष्ट्र पर नजर रखे हुए है। आयोग के अधिकारी राज्य का दौरा कर चुनाव की तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। उन्होंने पुलिस अफसरों मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों से मुलाकात की है। साथ ही राजनीतिक दलों से भी बातचीत की है।
ऐसे में सरकार का यह फैसला चुनाव आयोग की नजर में भी होगा। आयोग यह देखेगा कि कहीं इस पैसे का गलत इस्तेमाल तो नहीं हो रहा। क्योंकि चुनाव के वक्त ऐसे फैसलों पर सवाल उठते रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि इस पैसे का इस्तेमाल कैसे होता है। क्या वाकई में यह पैसा विकास के काम आएगा या फिर चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। आने वाले दिनों में इस पर सबकी नजर रहेगी।
महाराष्ट्र में विधायकों को विकास निधि (Development fund for MLAs in Maharashtra) का यह फैसला राज्य की राजनीति में काफी अहम साबित हो सकता है। आम लोगों को उम्मीद है कि इस पैसे से उनके इलाके में विकास के काम होंगे। लेकिन इसका असर चुनावों पर क्या होगा यह तो वक्त ही बताएगा।
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