Devendra Fadnavis Aurangzeb: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर औरंगजेब का नाम चर्चा में है। इस बार कांग्रेस नेता हर्षवर्धन सपकाले ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तुलना मुगल शासक औरंगजेब से कर दी है। उन्होंने कहा कि औरंगजेब की तरह ही फडणवीस भी क्रूर हैं और धर्म का इस्तेमाल करते हैं। यह बयान राजनीतिक गलियारों में तूफान ला दिया है।
औरंगजेब का इतिहास और विवाद
History and Controversy of Aurangzeb
औरंगजेब को भारतीय इतिहास में एक विवादास्पद शासक माना जाता है। उसने अपने शासनकाल में धर्म के नाम पर कई कठोर फैसले लिए। उसकी नीतियों ने हिंदू-मुस्लिम संबंधों को प्रभावित किया और उसे एक क्रूर शासक की छवि दी। आज भी उसकी विरासत को लेकर राजनीतिक बहस होती है। महाराष्ट्र में छत्रपति संभाजीनगर में उसकी कब्र को हटाने की मांग भी इसी विवाद का हिस्सा है।
कांग्रेस का आरोप: फडणवीस और औरंगजेब की समानता
Congress Allegation: Similarity Between Fadnavis and Aurangzeb
हर्षवर्धन सपकाले ने कहा कि औरंगजेब ने सत्ता के लिए धर्म का इस्तेमाल किया, और आज देवेंद्र फडणवीस भी वही कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को मिटाने की साजिश की जा रही है। सपकाले के इस बयान ने राजनीतिक गर्मी को और बढ़ा दिया है।
बीजेपी का जवाब: बचकाना और गैरजिम्मेदाराना बयान
BJP’s Response: Childish and Irresponsible Statement
बीजेपी ने सपकाले के बयान को बचकाना और गैरजिम्मेदाराना बताया है। बीजेपी नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि इस तरह के बयान महाराष्ट्र की राजनीतिक संस्कृति को नुकसान पहुंचाते हैं। उन्होंने कांग्रेस पर महाराष्ट्र की पहचान पर हमला करने का आरोप लगाया।
औरंगजेब को लेकर सियासी बहस
Political Debate Over Aurangzeb
औरंगजेब को लेकर सियासी बहस नया मोड़ ले चुकी है। समाजवादी पार्टी नेता अबू आजमी ने हाल ही में औरंगजेब को महान शासक बताया था। उन्होंने कहा कि उसके शासनकाल में भारत की जीडीपी दुनिया की 24% थी और भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। यह बयान भी विवादों में घिर गया था।
छत्रपति शिवाजी और संभाजी महाराज का इतिहास
History of Chhatrapati Shivaji and Sambhaji Maharaj
छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटे संभाजी महाराज का इतिहास महाराष्ट्र की गौरवशाली विरासत है। शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की नींव रखी और संभाजी महाराज ने उसे आगे बढ़ाया। औरंगजेब के साथ उनका संघर्ष इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा है। आज भी महाराष्ट्र में इन महान शासकों को लेकर गर्व की भावना है।
Devendra Fadnavis Aurangzeb
यह विवाद दिखाता है कि राजनीति में इतिहास का इस्तेमाल कैसे किया जाता है। औरंगजेब और शिवाजी महाराज का नाम आज भी भावनाओं को भड़काने का काम करता है। देवेंद्र फडणवीस और औरंगजेब की तुलना ने इस बहस को नया आयाम दिया है। अब देखना यह है कि यह विवाद आगे किस रूप में सामने आता है।
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