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Disha Salian Death Investigation: मीडिया में आधी खबर फैलाई, पिता के वकील नीलेश ओझा के बयान से मची सनसनी, आदित्य को CBI से नहीं मिली थी क्लीन चिट

Disha Salian Death Investigation: मीडिया में आधी खबर फैलाई, पिता के वकील नीलेश ओझा के बयान से मची सनसनी, आदित्य को CBI से नहीं मिली थी क्लीन चिट

Disha Salian Death Investigation: मुंबई की व्यस्त जिंदगी में कई कहानियां दफन हो जाती हैं, लेकिन कुछ कहानियां ऐसी होती हैं जो समय के साथ और गहरी होती जाती हैं। ऐसा ही एक मामला है दिशा सालियान का, जो साल 2020 में सुर्खियों में आया था। उस वक्त इसे एक हादसा बताया गया, लेकिन अब पांच साल बाद इस केस ने फिर से सबका ध्यान खींचा है। दिशा के पिता सतीश सालियान ने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसने पूरे महाराष्ट्र में हलचल मचा दी है। इस याचिका में उन्होंने दावा किया है कि उनकी बेटी की मौत कोई आत्महत्या नहीं थी, बल्कि एक सोचा-समझा अपराध था।

दिशा सालियान, जो अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर थीं, 8 जून 2020 को मलाड के एक अपार्टमेंट से नीचे गिरने की वजह से उनकी मौत हो गई थी। उस समय पुलिस ने इसे आत्महत्या करार दिया था। लेकिन अब दिशा के पिता का कहना है कि यह सच नहीं है। उनकी याचिका में दिशा सालियान केस (Disha Salian Case) को नए सिरे से जांचने की मांग की गई है। साथ ही, उन्होंने शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे के खिलाफ FIR दर्ज करने और जांच को CBI के हवाले करने की बात कही है। उनका आरोप है कि दिशा के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ और फिर उसकी हत्या कर दी गई।

इस कहानी में एक नया मोड़ तब आया जब दिशा के पिता के वकील नीलेश ओझा ने मीडिया से बात की। उन्होंने बताया कि यह मामला शुरू से ही दबाया गया था। उस समय महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार थी, और वकील का दावा है कि आदित्य ठाकरे के शामिल होने की वजह से पुलिस ने सही जांच नहीं की। नीलेश ओझा के मुताबिक, जब 2022 में एकनाथ शिंदे की सरकार बनी, तब इस मामले में कुछ हलचल शुरू हुई। दिसंबर 2023 में सरकार ने दिशा सालियान की मौत की जांच (Disha Salian Death Investigation) के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) बनाया था। लेकिन इसके बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठा।

वकील ने यह भी खुलासा किया कि दिशा के शरीर पर कई चोटों के निशान थे, जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सही तरीके से दर्ज नहीं किए गए। उनका कहना है कि यह रिपोर्ट भी गलत थी और इसे जानबूझकर बदला गया था। दिशा के पिता ने इन सबूतों को देखते हुए कोर्ट का रुख किया। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ने शुरू में इस मामले को आत्महत्या बताकर जल्दबाजी में बंद कर दिया, लेकिन अब सच सामने आना चाहिए। इस याचिका में यह मांग भी की गई है कि इस केस की जांच महाराष्ट्र से बाहर किसी निष्पक्ष एजेंसी से कराई जाए।

यह मामला सिर्फ एक परिवार की लड़ाई नहीं है, बल्कि इससे जुड़े कई सवाल आज भी अनसुलझे हैं। दिशा की मौत के कुछ ही दिन बाद सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया था। दोनों मामलों को जोड़ने की कोशिशें भी हुईं, लेकिन उस वक्त कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया। अब दिशा के पिता के इस कदम ने पुरानी बातों को फिर से हवा दे दी है। सोशल मीडिया पर लोग इस बारे में खुलकर अपनी राय रख रहे हैं। कोई इसे सच्चाई की जीत मान रहा है, तो कोई इसे राजनीतिक साजिश कह रहा है।

नीलेश ओझा ने एक और चौंकाने वाली बात बताई। उनका कहना है कि आदित्य ठाकरे ने दावा किया था कि उन्हें CBI से क्लीन चिट मिल गई है, लेकिन CBI ने खुद साफ किया कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। यह बात इस केस को और रहस्यमयी बनाती है। दिशा के पिता का मानना है कि उनकी बेटी के साथ जो हुआ, उसके पीछे बड़े लोग शामिल थे, और उन्हें बचाने के लिए सच को छुपाया गया।

जरा सोचिए, एक पिता अपनी बेटी की मौत के पांच साल बाद भी इंसाफ की आस में कोर्ट की चौखट पर खड़ा है। यह कितना दर्दनाक होगा कि जिस सच को वे जानते हैं, उसे साबित करने के लिए इतना लंबा इंतजार करना पड़ा। इस केस में अब तक कई थ्योरी सामने आई हैं, लेकिन दिशा के पिता की यह याचिका सबसे बड़ा कदम है। यह न सिर्फ उनके लिए, बल्कि उन सभी लोगों के लिए अहम है जो इस मामले में सच जानना चाहते हैं।

अब कोर्ट में यह मामला आगे बढ़ेगा। दिशा के अपार्टमेंट के CCTV फुटेज से लेकर मोबाइल टावर डेटा तक, हर सबूत को फिर से खंगाला जा सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार सच सामने आ पाएगा। दिशा सालियान का नाम एक बार फिर खबरों में है, और इस बार शायद उनकी कहानी पूरी तरह से सामने आए।


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