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शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने कहा- ‘जो हमें छोड़ गए उनके लिए दरवाजे बंद हैं’, जानें क्यों

शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने कहा- 'जो हमें छोड़ गए उनके लिए दरवाजे बंद हैं', जानें क्यों
लोकसभा चुनाव परिणामों से उत्साहित, एमवीए ने की विधानसभा चुनाव साथ लड़ने की घोषणा

मुंबई के राजनीतिक गलियारों में एक नई लहर दौड़ गई है। महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेता उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने लोकसभा चुनावों में मिली सफलता के बाद एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। ठाकरे ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी में उन बागी विधायकों के लिए कोई जगह नहीं है जो शिवसेना को छोड़कर चले गए थे।

“बिल्कुल नहीं” – उद्धव ठाकरे का स्पष्ट संदेश

लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब उद्धव ठाकरे से पूछा गया कि क्या वे अपने गुट को छोड़ने वाले नेताओं को वापस लेंगे, तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “बिल्कुल नहीं। जो लोग मुझे छोड़कर चले गए, उन्हें वापस नहीं लिया जाएगा।”

शरद पवार ने भी इस सवाल का समर्थन करते हुए कहा, “उन्हें वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता।”

आगामी विधानसभा चुनाव की योजना

उद्धव ठाकरे ने उत्साहपूर्वक घोषणा की कि एमवीए राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ेगा। उन्होंने कहा, “जब तीन दल एक साथ आते हैं, तो इसका मतलब है कि सभी एक साथ हैं और सभी एक साथ लड़ेंगे।” यह घोषणा महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई दिशा का संकेत देती है।

भाजपा पर हमला

विपक्षी दलों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के “वोट जिहाद” के दावे के जवाब में ठाकरे ने कहा, “वे किस वोट जिहाद की बात कर रहे हैं? प्रधानमंत्री मोदी ने खुद कहा है कि मुसलमान उनके दोस्त हैं और अक्सर उनके घर खाना खाने आते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “सभी जातियों और सभी वर्गों के लोगों ने हमें वोट दिया है।” महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए ठाकरे ने सवाल किया, “महायुति का सीएम चेहरा कौन होगा? उनका चेहरा क्या बचा है? उनकी हालत गंभीर है।”

शरद पवार का समर्थन

शरद पवार ने भी कांग्रेस द्वारा किए गए जाति जनगणना के वादे के बारे में बोलते हुए कहा, “यह हमारे देश के लिए आवश्यक है।” मराठा आरक्षण के मुद्दे पर पवार ने कहा, “सरकार को इस मुद्दे पर जारी किए गए जीआर पर कायम रहना चाहिए।”

प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए पवार ने कहा, “जहां भी प्रधानमंत्री का रोड शो और रैली हुई, हम जीते। इसलिए मैं प्रधानमंत्री को धन्यवाद देना अपना कर्तव्य समझता हूं।”

चुनावी परिणाम और आगे की राह

2019 के लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में भाजपा की सीटें 23 थीं, लेकिन इस बार यह घटकर नौ रह गई। दूसरी ओर, कांग्रेस ने राज्य में 13 सीटें हासिल करके अपनी सीट शेयर में मामूली सुधार किया। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने क्रमशः सात और एक सीट जीती।

भाजपा की जीत की संख्या 2019 की 303 सीटों और 2014 में जीती गई 282 सीटों से काफी कम है। दूसरी ओर, कांग्रेस ने 2019 में 52 और 2014 में 44 सीटों की तुलना में 99 सीटें जीतकर मजबूत वृद्धि दर्ज की। इंडिया ब्लॉक ने 230 का आंकड़ा पार किया, कड़ी प्रतिस्पर्धा पेश करते हुए, तथा एग्जिट पोल के सभी पूर्वानुमानों को झुठलाते हुए।

महा विकास अघाड़ी के नेताओं के इस कड़े संदेश और आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उनकी योजना ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। बागी विधायकों के लिए दरवाजे बंद कर, ठाकरे और पवार ने यह संदेश दिया है कि उनकी पार्टी अपने सिद्धांतों और वफादार कार्यकर्ताओं के साथ मजबूती से खड़ी है। विधानसभा चुनाव में उनकी एकजुटता और दृढ़ता निश्चित रूप से राज्य की राजनीति को प्रभावित करेगी।

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