सरकारी स्कूल हों या प्राइवेट, हर जगह टीचर्स का अपना एक अंदाज़ होता है। कोई सलवार-सूट में आता है, तो कोई फॉर्मल शर्ट-पैंट में। जीन्स-टीशर्ट पहनने वाले ‘कूल’ टीचर्स भी आपको मिल जाएंगे। लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा भाई! महाराष्ट्र सरकार ने स्कूल टीचर्स के लिए ड्रेस कोड जारी कर दिया है।
शिक्षा विभाग ने एक नया सरकारी फ़रमान (GR) निकाला है जिसमें लिखा है कि टीचर्स को अपने कपड़ों पर खास ध्यान देना होगा। इसके पीछे लॉजिक भी दिया गया है – बच्चे बड़े नकलची होते हैं, और टीचर्स का पहनावा देखकर उन पर गलत असर पड़ सकता है! इस ‘गंभीर’ समस्या से निपटने के लिए सरकार ने कुछ नियम भी बनाए हैं:
- जीन्स-टीशर्ट पर बैन! अब टीचर्स इन्हें पहन कर स्कूल नहीं आ सकते।
- गहरे रंग के कपड़े या ज़्यादा डिज़ाइन वाले कपड़े भी नहीं पहनने हैं।
- महिला टीचर्स के लिए सलवार-कमीज़, कुर्ता-दुपट्टा या साड़ी पहनना ज़रूरी है।
- पुरुष टीचर्स को शर्ट-पैंट पहननी होगी, और शर्ट को पेंट के अंदर डालना होगा (टशन दिखाने की सख्त मनाही!)
शिक्षकों का कहना है कि इस फ़ालतू के नियम की कोई ज़रूरत नहीं थी। स्कूल खुद भी अपने टीचर्स के पहनावे का ध्यान रखते हैं। एक टीचर ने कहा, “टीचर्स तो पहले ही सोच-समझ कर कपड़े पहनते हैं। राज्य सरकार को इसमें दखल देने की क्या ज़रूरत थी?”
सरकार के बड़े अधिकारियों का कहना है कि ये सिर्फ़ सुझाव हैं, कोई सख्त नियम नहीं। तो क्या होगा टीचर्स ने जीन्स-टीशर्ट ही पहन ली, क्या सरकार उनको स्कूल से निकाल देगी?
सरकार को लगता है कि इससे टीचर्स का मनोबल बढ़ेगा! अच्छा हुआ, अब आगे से हम डॉक्टर्स को ‘Dr.’, वकील को ‘Adv.’ और टीचर्स को ‘Tr.’ कह कर बुलाएँगे।