पुणे शहर में एक बार फिर नशे में गाड़ी चलाने का एक गंभीर मामला सामने आया है। इस बार यह घटना राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के एक वरिष्ठ नेता के परिवार से जुड़ी है। एनसीपी नेता बंडू गायकवाड के बेटे सौरभ गायकवाड ने नशे की हालत में अपनी कार से एक टेंपो को टक्कर मार दी।
यह हादसा 16 जुलाई की रात को पुणे के मांजरी मुंढवा रोड पर हुआ। सौरभ गायकवाड अपनी काले रंग की कार बहुत तेज रफ्तार से चला रहे थे। अचानक उनकी कार ने सड़क पर चल रहे एक टेंपो को जोरदार टक्कर मार दी। इस टक्कर में टेंपो के चालक और उसके साथ बैठे सफाई कर्मचारी दोनों घायल हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस घटना के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सौरभ गायकवाड के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जांच में पाया गया कि हादसे के समय सौरभ नशे में थे। इस टक्कर में वे खुद भी घायल हो गए।
यह कोई पहला मामला नहीं है जब पुणे में नशे में गाड़ी चलाने से कोई हादसा हुआ हो। कुछ समय पहले शहर में एक और बड़ा हादसा हुआ था। उस घटना में एक अमीर परिवार के बेटे ने 2 करोड़ रुपये की महंगी पोर्शे कार से दो आईटी इंजीनियरों को कुचल दिया था। वह भी नशे में था।
सिर्फ पुणे ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के दूसरे बड़े शहर नागपुर में भी हाल ही में एक ऐसा ही हादसा हुआ। वहां नंदनवन इलाके में एक स्कोडा कार ने सड़क किनारे खड़े पांच लोगों को टक्कर मार दी। इस हादसे में भी पांच लोग घायल हुए। पुलिस के मुताबिक, एक नाबालिग लड़का कार चला रहा था और उसने गलती से ब्रेक की जगह एक्सीलेटर दबा दिया।
ये लगातार हो रहे हादसे बताते हैं कि नशे में गाड़ी चलाना कितना खतरनाक है। इससे न सिर्फ गाड़ी चलाने वाले की जान खतरे में पड़ती है, बल्कि दूसरे निर्दोष लोगों की जान भी जा सकती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या VIP कल्चर की वजह से कुछ लोग कानून को हल्के में ले रहे हैं?
इन घटनाओं से साफ है कि नशे में गाड़ी चलाने के खिलाफ और भी सख्त कानून बनाने की जरूरत है। साथ ही, लोगों को भी इस बारे में जागरूक होना चाहिए। हर किसी को समझना होगा कि सड़क पर सुरक्षा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। चाहे कोई कितना भी बड़ा या प्रभावशाली क्यों न हो, कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए।
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