E-Challan Misuse: महाराष्ट्र में सड़क परिवहन क्षेत्र में ई-चालान प्रणाली (E-Challan System) के दुरुपयोग को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। परिवहन समिति के सदस्य और ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष बल मल्कित सिंह ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक पत्र लिखकर इस प्रणाली में खामियों को उजागर किया है। उन्होंने बताया कि ई-चालान प्रणाली का मूल उद्देश्य पारदर्शी और स्वचालित यातायात प्रवर्तन था, लेकिन इसका गलत इस्तेमाल हो रहा है।
सिंह ने अपने पत्र में कहा कि महाराष्ट्र में ट्रैफिक पुलिस द्वारा मोबाइल उपकरणों और महाट्रैफिक ऐप के जरिए चालान जारी करना अवैज्ञानिक और मनमाना है। अधिकारियों द्वारा बिना पुख्ता सबूत के वाहनों की तस्वीरें खींचकर जुर्माना लगाया जा रहा है। कई बार यह जुर्माना आंतरिक लक्ष्यों को पूरा करने के दबाव में लगाया जाता है, जिससे ट्रक चालकों और रोजमर्रा के वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। यह प्रक्रिया न केवल परेशान करती है, बल्कि जनता का भरोसा भी तोड़ रही है।
उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर ई-चालान प्रणाली (E-Challan System) आधुनिक तकनीकों जैसे ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर) कैमरे, रेड-लाइट और स्पीड डिटेक्शन सिस्टम, और जीपीएस-आधारित ट्रैकिंग पर आधारित होती है। ये प्रणालियाँ बिना मानवीय हस्तक्षेप के काम करती हैं, जिससे निष्पक्षता बनी रहती है। लेकिन महाराष्ट्र में यह मानक लागू नहीं हो रहा है। इसके बजाय, ट्रैफिक पुलिस सड़कों पर वाहनों को रोककर पुराने चालानों की वसूली कर रही है, जिसे सिंह ने अवैध और असुरक्षित बताया।
इसके अलावा, सिंह ने पुणे एक्सप्रेसवे पर हुई एक घटना का जिक्र किया, जहां ट्रैफिक पुलिस ने यात्रियों को परेशान किया। इस मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया था। सिंह ने इसे प्रणालीगत दुरुपयोग का उदाहरण बताते हुए तत्काल सुधार की मांग की। उन्होंने यह भी बताया कि आरटीआई डेटा के अनुसार, महाराष्ट्र में 12.4 करोड़ से अधिक चालान जारी किए गए हैं, जिनमें से कई बिना सत्यापन के या तकनीकी खामियों के कारण हैं।
सिंह ने एक बार की माफी योजना (Amnesty Scheme) शुरू करने की मांग की है, ताकि नागरिकों को पुराने चालानों का निपटारा निष्पक्ष तरीके से करने का मौका मिले। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि मोबाइल फोन के जरिए चालान की तस्वीरें अपलोड करने की सुविधा बंद की जाए और प्रवर्तन कर्मचारियों के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए जाएँ। साथ ही, उन्होंने परिवहन पार्किंग जोन बनाने और भारी वाहनों के लिए सहायक कर्मचारी की अनिवार्यता से संबंधित फाइलों को जल्द मंजूरी देने की मांग की।
महाराष्ट्र सरकार ने इन मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति गठित की है, जिसमें परिवहन विभाग, पुलिस, और परिवहन संघों के प्रतिनिधि शामिल हैं। यह समिति एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। सिंह ने मांग की है कि समिति की सिफारिशें सार्वजनिक की जाएँ और एक सरकारी प्रस्ताव के माध्यम से लागू की जाएँ।
यह मामला महाराष्ट्र के परिवहन क्षेत्र में सुधार की जरूरत को रेखांकित करता है। सिंह ने कहा कि इस तरह की परेशानी पैदा करने वाली प्रवर्तन प्रथाएँ न तो प्रधानमंत्री के विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं और न ही महाराष्ट्र की प्रगतिशील छवि के। परिवहन समुदाय और आम नागरिक अब इस समिति की सिफारिशों और सरकार की कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं, ताकि ई-चालान प्रणाली को अधिक पारदर्शी और नागरिक-अनुकूल बनाया जा सके।
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