राजनीतिक रणभूमि में अदृश्य यज्ञ की गूंज: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने हाल ही में एक बड़ा आरोप लगाया है कि उनके और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ एक ‘शत्रु भैरवी यज्ञ’ किया जा रहा है। इस यज्ञ के द्वारा, जिसमें पशुओं की बलि दी जाती है, कथित तौर पर उनकी और राज्य की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है।
शिवकुमार ने यह भी बताया कि यह अनुष्ठान केरल के एक मंदिर में हो रहा है और इसमें ‘पंच बलि’ दी जा रही हैं। उन्होंने मीडिया को यह भी बताया कि उन्हें इस यज्ञ के बारे में लिखित में जानकारी मिली है और उन्हें पता है कि यह कौन करा रहा है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या इस यज्ञ के पीछे भाजपा या जनता दल (सेक्युलर) के लोग हैं, तो उन्होंने कहा कि वे जानते हैं कि यह कौन कर रहा है और वे इसमें विशेषज्ञ हैं। हालांकि, उन्होंने इस बारे में अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया क्योंकि वे नहीं चाहते कि मीडिया इसे कहीं और ले जाए।
शिवकुमार ने यह भी कहा कि वे इस तरह के यज्ञों और अनुष्ठानों में विश्वास नहीं करते और उन्हें अपने खिलाफ किसी भी प्रयोग करने दें, वे एक शक्ति में विश्वास करते हैं जो उन्हें बचाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि उनके पास ईश्वर और लोगों का आशीर्वाद है, जो उनके लिए अधिक महत्वपूर्ण है।
इस प्रकार के आरोप और घटनाएं राजनीतिक जीवन में अक्सर देखने को मिलती हैं, जहां विभिन्न तरह के आरोप और अनुष्ठानों का सहारा लेकर विरोधियों को अस्थिर करने की कोशिश की जाती है। यह घटना भी उसी कड़ी में एक उदाहरण प्रस्तुत करती है। इस तरह के आरोपों की सत्यता की पुष्टि करना कठिन होता है, लेकिन यह निश्चित है कि राजनीति में अक्सर अदृश्य शक्तियों का खेल चलता रहता है।