महाराष्ट्र विधान मंडल में शुक्रवार को आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें राज्य की अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन को उजागर किया गया। इस रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र की विकास दर 2024-25 में राष्ट्रीय औसत से अधिक रहने का अनुमान है।
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में महाराष्ट्र की विकास दर 7.3% रहने का अनुमान है, जबकि देश की विकास दर 6.5% रहने की संभावना है। ये अंतर दर्शाता है कि महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था राष्ट्रीय औसत से 0.8% अधिक गति से आगे बढ़ रही है।
राज्य की आर्थिक प्रगति में तीन प्रमुख क्षेत्रों का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। कृषि एवं संबंधित गतिविधियों में 8.7% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। उद्योग क्षेत्र में 4.9% और सेवा क्षेत्र में 7.8% की वृद्धि होने की उम्मीद है।
2024-25 में महाराष्ट्र की अनुमानित सकल आय 45,31,518 करोड़ रुपये होगी, जबकि 2011-12 की स्थिर कीमतों के आधार पर ये 26,12,263 करोड़ रुपये आंकी गई है। राज्य का राजस्व घाटा 20,051 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
महाराष्ट्र में प्रति व्यक्ति आय में भी बढ़ोतरी देखी जाएगी। 2023-24 में ये 2,78,681 रुपये थी, जबकि 2024-25 में ये बढ़कर 3,09,340 रुपये होने का अनुमान है। ये राज्य को प्रति व्यक्ति आय के मामले में देश में चौथे स्थान पर बनाए रखेगा।
2023-24 में महाराष्ट्र पर 7,11,278 करोड़ रुपये का कर्ज था, जो 31 मार्च 2025 तक बढ़कर 7,82,991 करोड़ रुपये होने की संभावना है। ये पिछले साल की तुलना में 10.1% अधिक है।
राज्य सरकार के बजट पूर्व अनुमान के अनुसार, 2024-25 में राजस्व संग्रह 4,19,463 करोड़ रुपये होने की संभावना है। कर राजस्व 14,19,972 करोड़ रुपये और गैर-कर राजस्व (केंद्रीय अनुदान सहित) 79,491 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। वहीं, राज्य का राजस्व व्यय 5,19,514 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत 31 दिसंबर 2024 तक राज्य में कुल 3.61 करोड़ बैंक खाते खोले गए, जिनमें से 55% ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं। स्टार्टअप इकोसिस्टम में महाराष्ट्र की भागीदारी 24% के साथ अखिल भारतीय स्तर पर सबसे अधिक है। शिव भोजन योजना के अंतर्गत नवंबर 2024 तक 3.17 करोड़ थाली वितरित की गईं। राज्य में 31 मार्च 2024 तक बिजली उत्पादन क्षमता 38,601 मेगावाट तक पहुंच गई। राशन कार्ड धारकों की कुल संख्या दिसंबर 2024 तक 265.20 लाख रही, जिसमें 58.90 लाख पीले, 184.24 लाख नारंगी और 22.07 लाख सफेद राशन कार्ड धारक शामिल हैं।
महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन कर रही है। राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विकास योजनाओं और नीतियों के माध्यम से आर्थिक मजबूती को और अधिक सशक्त बनाया जा रहा है। कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र में संतुलित वृद्धि से यह स्पष्ट है कि महाराष्ट्र भविष्य में भी देश की आर्थिक रीढ़ बना रहेगा।
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