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10 साल बाद जम्मू-कश्मीर में चुनावी रंग, कांग्रेस-NC गठबंधन से क्या होगा असर?

10 साल बाद जम्मू-कश्मीर में चुनावी रंग, कांग्रेस-NC गठबंधन से क्या होगा असर?
यह लेख जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन के बारे में है। फारूक अब्दुल्ला ने राहुल गांधी से मुलाकात के बाद इस गठबंधन की घोषणा की। लेख में चुनाव की तारीखों और गठबंधन की रणनीति के बारे में जानकारी दी गई है।

जम्मू-कश्मीर में नया राजनीतिक समीकरण: कांग्रेस और NC का गठबंधन

जम्मू-कश्मीर चुनाव गठबंधन की खबर ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। 10 साल बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने हाथ मिलाने का फैसला किया है। आइए जानते हैं इस गठबंधन के बारे में सब कुछ।

गठबंधन की घोषणा: क्या कहा नेताओं ने?

नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला ने राहुल गांधी से मिलने के बाद यह बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा, “हमने तय किया है कि हम सभी 90 सीटों पर साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।” फारूक अब्दुल्ला ने यह भी बताया कि गठबंधन के कागजात पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जाएंगे।

राहुल गांधी ने भी इस मौके पर कहा कि जम्मू-कश्मीर से उनका खून का रिश्ता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि लोग इस गठबंधन का साथ देंगे।

चुनाव की तैयारियां: कब होंगे वोट?

जम्मू-कश्मीर चुनाव गठबंधन की घोषणा के साथ ही चुनाव की तारीखों का भी ऐलान हो गया है। चुनाव तीन चरणों में होंगे:

  1. पहला चरण: 18 सितंबर
  2. दूसरा चरण: 25 सितंबर
  3. तीसरा चरण: 1 अक्टूबर

चुनाव के नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे। इस तरह, लगभग एक महीने में पूरी चुनावी प्रक्रिया खत्म हो जाएगी।

गठबंधन की रणनीति: क्या है प्लान?

फारूक अब्दुल्ला ने बताया कि अभी सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला तय नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, “यह बाद में तय किया जाएगा।” लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि गठबंधन का मुख्य लक्ष्य देश की विभाजनकारी ताकतों को हराना है।

इस गठबंधन में CPI(M) के नेता तारिगामी भी शामिल हैं। फारूक अब्दुल्ला ने PDP के साथ भी भविष्य में गठबंधन की संभावना से इनकार नहीं किया है।

जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा: क्या है मांग?

गठबंधन की एक प्रमुख मांग जम्मू-कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा देना है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही यह मांग पूरी होगी।”

इस जम्मू-कश्मीर चुनाव गठबंधन से राज्य की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह गठबंधन कितना सफल होता है और चुनाव के नतीजों पर क्या असर डालता है।

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