महाराष्ट्रमुंबई

EVM tampering: EVM से छेड़छाड़ कर महायुति ने जीता महाराष्ट्र चुनाव, 20000 वोटों से हारे हैं अजित पवार, शरद पवार गुट के विधायक का बड़ा दावा

EVM tampering: EVM से छेड़छाड़ कर महायुति ने जीता महाराष्ट्र चुनाव, 20000 वोटों से हारे हैं अजित पवार, शरद पवार गुट के विधायक का बड़ा दावा

महाराष्ट्र में हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों पर एक नई बहस छिड़ गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी-एसपी) के विधायक उत्तम जानकर ने महायुति गठबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि इन चुनावों में ईवीएम छेड़छाड़ (EVM Tampering) के जरिए नतीजों को प्रभावित किया गया, जिससे महायुति ने चुनाव जीता। जानकर ने दावा किया कि इस छेड़छाड़ की वजह से बारामती जैसी महत्वपूर्ण सीट के परिणाम भी बदले गए। उनके अनुसार, महायुति के केवल 107 विधायक ही सही मायने में जनता का समर्थन पाकर जीते हैं।

यह दावे न केवल महायुति गठबंधन पर सवाल उठाते हैं, बल्कि पूरे चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर गंभीर चर्चा का कारण बन गए हैं।

कौन हैं उत्तम जानकर और उनका दावा क्या है?

उत्तम जानकर एनसीपी-एसपी के विधायक हैं और सोलापुर जिले की मालाशिरस विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह अपने क्षेत्र में एक मुखर नेता माने जाते हैं और उनकी आवाज अक्सर चुनावी पारदर्शिता जैसे मुद्दों पर उठती है। जानकर ने दावा किया है कि महाराष्ट्र चुनाव में बड़े स्तर पर ईवीएम छेड़छाड़ (EVM Tampering) की गई। उनके निर्वाचन क्षेत्र में स्थित मरकरवाड़ी गांव बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग को लेकर चर्चा में रहा है।

उनका मानना है कि यह छेड़छाड़ इतनी व्यापक थी कि परिणामों को पूरी तरह से बदल दिया गया।

बारामती सीट और ईवीएम का मामला

बारामती, जिसे पवार परिवार का गढ़ माना जाता है, इस बार चुनावों में सुर्खियों में रहा। यहां अजित पवार और शरद पवार गुट के उम्मीदवार युगेंद्र पवार के बीच कांटे की टक्कर हुई। परिणामों के अनुसार, अजित पवार ने यह सीट जीती।

लेकिन उत्तम जानकर का दावा है कि ईवीएम में छेड़छाड़ (EVM Tampering) के कारण ही अजित पवार को विजयी घोषित किया गया। उनका कहना है कि यदि निष्पक्ष तरीके से वोटों की गिनती होती, तो अजित पवार 20,000 वोटों से हार जाते। उन्होंने बारामती और माण सीट पर हुए वोटिंग पैटर्न का विश्लेषण किया और निष्कर्ष निकाला कि इन सीटों पर नतीजे गड़बड़ी की वजह से बदले गए।

महायुति के विधायकों की संख्या पर सवाल

जानकर का एक और बड़ा दावा यह है कि महायुति के कुल 107 विधायक ही सही मायने में चुनाव जीते हैं। उनके अनुसार, बीजेपी के 77, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के 18, और अजित पवार गुट के 12 विधायकों ने ही जनता का वास्तविक समर्थन हासिल किया। उनके अनुसार, यह स्थिति इस सवाल को जन्म देती है कि बहुमत का दावा करने वाला महायुति गठबंधन आखिरकार चुनाव जीतने में कैसे सफल हुआ।

चुनाव आयोग को चुनौती

जानकर ने चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहा है कि यदि उनकी विधानसभा सीट पर बैलेट पेपर से दोबारा मतदान कराया जाए, तो वह अपने पद से इस्तीफा देने को तैयार हैं। वह यह भी चाहते हैं कि वीवीपीएट पर्ची को मतदाता खुद बॉक्स में डालें, ताकि प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बन सके।

150 सीटों पर गड़बड़ी का आरोप

जानकर ने दावा किया है कि महाराष्ट्र की कुल 288 सीटों में से 150 पर गड़बड़ी हुई है। उन्होंने इन सीटों के वोटिंग पैटर्न का गहराई से अध्ययन किया है। वह जल्द ही अपने निष्कर्षों और सबूतों को चुनाव आयोग, शरद पवार, और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के समक्ष पेश करने की योजना बना रहे हैं।

बीजेपी का जवाब

इन आरोपों पर बीजेपी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें “आधारहीन और अपरिपक्व” करार दिया है। पार्टी का कहना है कि चुनाव नतीजे पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया के माध्यम से आए हैं।

असलियत क्या है?

उत्तम जानकर के दावों ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है। अगर उनके आरोप सही साबित होते हैं, तो यह न केवल महाराष्ट्र के चुनावी इतिहास, बल्कि भारत की पूरी चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े करेगा।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ईवीएम छेड़छाड़ (EVM Tampering) और महायुति की जीत पर उठ रहे सवाल लोकतंत्र की पारदर्शिता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करते हैं। विधायक उत्तम जानकर के इन गंभीर आरोपों की निष्पक्ष जांच जरूरी है ताकि जनता का भरोसा चुनावी प्रक्रिया में बना रहे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग और राजनीतिक दल इन आरोपों पर क्या कदम उठाते हैं और महाराष्ट्र की राजनीति किस दिशा में जाती है।

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