बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के पूर्व कमिश्नर इकबाल सिंह चहल को मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। यह फैसला भारत के चुनाव आयोग (ECI) के निर्देशों के बाद आया, जिसके चलते चहल का तबादला किया गया था। इस नियुक्ति के साथ ही कई और वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले हुए हैं।
1989 बैच के अनुभवी IAS अधिकारी चहल ने 8 मई, 2020 को प्रवीण परदेशी का स्थान लेते हुए BMC कमिश्नर का पद संभाला था। कोरोना महामारी के दौर में उनके काम की काफी तारीफ हुई थी। लेकिन, नई नियुक्ति विवादों में घिर गई है।
शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे ने इसका खुलकर विरोध किया है और नियुक्ति में पक्षपात और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। ठाकरे ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से चहल की नई भूमिका की अपनी भविष्यवाणी पर प्रकाश डाला और इस फैसले की आलोचना करते हुए पूर्व बीएमसी आयुक्त और पसंदीदा ठेकेदारों के बीच गठजोड़ का आरोप लगाया।
चहल का तबादला लंबे विचार-विमर्श के बाद हुआ है। लेकिन चुनाव आयोग ने कई ऐसे नगरपालिका अधिकारियों के तबादले का आदेश दिया, जो अपने पदों पर कार्यकाल की सीमा से ज़्यादा समय से कार्यरत थे। इसमें चहल भी शामिल थे।
चहल ने BMC कमिश्नर के रूप में अपने दायित्वों को औपचारिक रूप से भूषण गगरानी को सौंप दिया है और अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में नई भूमिका ग्रहण कर ली है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चहल को केंद्र सरकार में सचिव के रूप में पहले ही अधिसूचित किया गया है, ऐसे में ऐसी संभावना है कि 2026 में रिटायरमेंट से पहले वो राज्य के मुख्य सचिव पद तक पहुंच सकते हैं।