मुंबई के एक समय के चर्चित ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ प्रदीप शर्मा 2006 में हुए लखन भैया फर्जी एनकाउंटर मामले में फंस गए हैं। बंबई हाई कोर्ट ने आज इनको आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। याद दिला दें, लखन भैया को छोटा राजन गिरोह का सदस्य माना जाता था।
नवंबर 2006 में मुंबई पुलिस ने लखन भैया को वाशी से गिरफ्तार किया था और उसी दिन वर्सोवा में उसका एनकाउंटर कर दिया। कई सालों की जांच के बाद पता चला कि ये एनकाउंटर फर्जी था और लखन भैया के एक प्रतिद्वंद्वी ने पुलिसवालों को पैसे देकर उसकी हत्या करवाई थी। साल 2013 में इस मामले में कई पुलिसवालों को सजा हुई थी, लेकिन प्रदीप शर्मा बच गए थे। इस फैसले को सरकार ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
हाई कोर्ट ने माना है कि प्रदीप शर्मा इस हत्या की साजिश में शामिल थे और उन्होंने एनकाउंटर का झूठा नाटक रचा था। इस मामले में 12 अन्य पुलिसकर्मियों और एक आम आदमी को भी सजा सुनाई गई है, जबकि कुछ दोषियों की अपील खारिज कर दी गई।
इस केस के एक अहम चश्मदीद, अनिल भेड़ा की कुछ साल पहले हत्या कर दी गई थी। हाई कोर्ट ने इस हत्या की भी कड़ी निंदा की है और पुलिस को आदेश दिया है कि अनिल भेड़ा मर्डर केस की दोबारा जांच की जाए।
प्रदीप शर्मा को कोर्ट के आदेश के बाद तीन हफ्ते के भीतर सरेंडर करना होगा। प्रदीप शर्मा हाल ही में एंटीलिया बम कांड और मनसुख हिरेन हत्या केस में भी जेल में थे, लेकिन अभी वो बेल पर बाहर हैं। इस केस में जिन लोगों की मौत हो चुकी है या जो जेल में बंद थे, उनकी अपील खारिज हो गई है।