मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ कतर की एक अदालत ने जासूसी के कथित आरोप में गिरफ्तार किए गए आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों (Ex-Indian Navy Officers) की मौत की सजा के खिलाफ नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा दायर अपील को स्वीकार कर लिया है और उनकी याचिका पर जल्द ही सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की है।
बता दें कि 25 मार्च को आठ भारतीय नौसेना के दिग्गजों के खिलाफ आरोप दायर किए गए थे और उन पर कतर के कानून के तहत मुकदमा चलाया गया था, लेकिन 26 अक्टूबर को स्थानीय अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाए जाने के बाद स्थिति और खराब हो गई।
विदेश मंत्रालय ने फैसले को चौंकाने वाला बताया था और मामले में सभी कानूनी विकल्प तलाशने की कसम खाई थी। विदेश मंत्रालय ने बयान दिया था कि हमारे पास प्रारंभिक जानकारी है कि कतर की प्रथम दृष्टया अदालत ने आज अल दहरा कंपनी के आठ भारतीय कर्मचारियों (Ex-Indian Navy Officers) से जुड़े मामले में फैसला सुनाया है। हम मृत्युदंड के फैसले से गहरे सदमे में हैं और विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं, और हम सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं।

India Navy Officer
गिरफ्तार किए गए भारतीयों की पहचान कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश के रूप में की गई – ये सभी पूर्व भारतीय नौसेना, डहरा ग्लोबल में कार्यरत थे। ये भी पढ़े: Supreme Court की पहली महिला जज जस्टिस Fatima Beevi का 96 वर्ष की आयु में निधन
गिरफ्तार किये गए आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों (Ex-Indian Navy Officers) की मौत की सजा के खिलाफ नरेंद्र मोदी सरकार ने याचिका दायर की थी। जिस पर कतर की अदालत ने अपील को स्वीकार कर लिया है और उनकी याचिका पर जल्द ही सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की है।