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17 साल से बिना लेबर वेलफेयर परमिट काम कर रही EY India, कर्मचारी की मौत से टॉक्सिक कल्चर की पोल खुली

EY India, EY इंडिया 

पुणे की एक दिल दहला देने वाली घटना ने EY इंडिया (EY India) कंपनी को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। EY इंडिया (EY India) का बिना लेबर वेलफेयर परमिट काम करना और वर्कलोड से एक कर्मचारी की मौत के बाद इस मुद्दे पर नई बहस छिड़ गई है। 26 साल की CA एना सेबेस्टियन की कार्डियक अरेस्ट से मौत के बाद, कंपनी के ऑफिस के टॉक्सिक वर्क कल्चर की भी पोल खुली है।

इस घटना के बाद कॉर्पोरेट दुनिया में मेंटल स्ट्रेस और वर्क प्रेशर जैसे मुद्दों पर ध्यान देना बेहद ज़रूरी हो गया है। यह मामला केवल एक कर्मचारी की मौत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक पूरी प्रणाली की खामियों को उजागर करता है, जो कर्मचारियों की भलाई को नज़रअंदाज़ करती है।

EY इंडिया का बिना लेबर वेलफेयर परमिट काम करना

रिपोर्ट्स के मुताबिक, EY इंडिया (EY India) पिछले 17 सालों से बिना स्टेट अथॉरिटी के परमिट के काम कर रही है। महाराष्ट्र के एडिशनल लेबर कमिश्नर शैलेन्द्र पोल के अनुसार, कंपनी 2007 से बिना आवश्यक रजिस्ट्रेशन के चल रही थी। यह परमिट राज्य के दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत आवश्यक होता है, जो वर्कप्लेस में काम के घंटों को नियंत्रित करता है।

ऐसे मामलों में न केवल कंपनी की नैतिक जिम्मेदारी होती है, बल्कि कानूनी पक्ष भी बहुत अहम है। इस बीच लेबर कमिश्नर शैलेन्द्र पोल ने इस मामले की जांच कर एक रिपोर्ट तैयार की है, जो केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी। यह रिपोर्ट आगे की कार्रवाई के लिए महत्वपूर्ण होगी।

वर्कलोड से हुई मौत ने खोली टॉक्सिक वर्क कल्चर की पोल

20 जुलाई को एना सेबेस्टियन की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई थी। उसकी मां के मुताबिक, एना ऑफिस में वर्कलोड से परेशान थी और स्ट्रेस से जूझ रही थी। एना की सेहत पिछले कुछ दिनों से ठीक नहीं थी। जब उसके माता-पिता उससे मिलने पुणे आए, तो उसने सीने में दर्द की शिकायत की थी। डॉक्टर्स ने उसे अत्यधिक स्ट्रेस का शिकार बताया था, लेकिन एना ने काम पर लौटने की जिद की, क्योंकि उसे डर था कि अधिक छुट्टी लेने से वर्कलोड और बढ़ जाएगा।

यह घटना एक वेक-अप कॉल के रूप में देखी जा रही है। कंपनी के चेयरमैन राजीव मेमानी ने हालांकि मीडिया में कहा कि एना की मौत का वर्क प्रेशर से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन इस मामले ने पूरी कॉर्पोरेट दुनिया में हलचल मचा दी है।

एना की मां का दिल छूने वाला लेटर

एना की मां अनीता ऑगस्टिन ने EY इंडिया (EY India) के चेयरमैन को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कंपनी के टॉक्सिक वर्क कल्चर पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “काश मैं अपनी बच्ची को बचा पाती। काश मैं उसे समझा पाती कि उसकी सेहत और खुशी दुनिया की बाकी सभी चीज़ों से ज़्यादा महत्वपूर्ण है। लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है।”

अनीता का यह लेटर सिर्फ एक मां की वेदना नहीं है, बल्कि यह उस दर्द की झलक है, जो एक कर्मचारी महसूस करता है जब वह अत्यधिक प्रेशर और स्ट्रेस के बीच पिसता है। यह घटना हर कॉर्पोरेट ऑफिस के लिए एक सबक है कि कर्मचारियों की मानसिक और शारीरिक सेहत को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

EY इंडिया पर कार्रवाई की तैयारी

महाराष्ट्र के श्रम अधिकारियों ने EY इंडिया (EY India) के खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली है। कंपनी को 7 दिनों के अंदर इस मामले में सवालों के जवाब देने के लिए कहा गया है। इसके बाद इस मामले पर और सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।

एना की मौत ने सिर्फ एक लड़की की ज़िन्दगी नहीं छीनी, बल्कि यह एक संकेत है कि कॉर्पोरेट वर्क कल्चर में अब बदलाव की सख्त ज़रूरत है।

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