Fadnavis Warns Ministers Over Scandals: महाराष्ट्र में महायुति सरकार के मंत्रियों के विवादों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का पारा चढ़ा दिया है। 29 जुलाई 2025 को मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक के बाद फडणवीस ने कई मंत्रियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि अब कोई भी विवादित बयान या ऐसा काम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जिससे सरकार की इज्जत पर दाग लगे। खास तौर पर एकनाथ शिंदे गुट के संजय शिरसाट और अजित पवार गुट के माणिकराव कोकाटे को निशाने पर लिया गया।
माणिकराव कोकाटे हाल ही में विधान मंडल के मानसून सत्र में मोबाइल पर रमी गेम खेलते पकड़े गए थे। इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी ही सरकार को भिखारी कह डाला, जिससे हंगामा मच गया। फडणवीस ने उनसे साफ कहा कि ऐसी बयानबाजी दोबारा नहीं होनी चाहिए। साथ ही, उन्हें अपने कृषि मंत्रालय के काम पर ध्यान देने की हिदायत दी गई।
संजय शिरसाट भी विवादों में घिरे हैं। शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने उनका एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें वे कथित तौर पर नोटों से भरे बैग के साथ दिख रहे थे। बाद में शिरसाट ने सफाई दी कि बैग में कपड़े थे, नोट नहीं। लेकिन इस वीडियो ने सरकार की किरकिरी करा दी। फडणवीस ने उन्हें भी विवादों से दूर रहने की सलाह दी।
शिंदे गुट के एक और मंत्री भरत गोगावले ने बीजेपी सांसद नारायण राणे पर आपत्तिजनक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि राणे को अपनी जगह बनाने के लिए आपराधिक मामलों और हत्या जैसी घटनाओं से गुजरना पड़ा। इस बयान पर विपक्ष ने गोगावले को घेर लिया। बाद में उन्होंने माफी मांगी, लेकिन तब तक सरकार की फजीहत हो चुकी थी। गोगावले की अघोरी पूजा को लेकर भी विवाद हुआ था।
एकनाथ शिंदे गुट के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम भी अपनी मां के नाम पर बीयर बार चलाने के लिए विपक्ष के निशाने पर हैं। इन सभी मंत्रियों के बयानों और कारनामों की वजह से महायुति सरकार को बार-बार शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है। फडणवीस ने सख्त लहजे में चेतावनी दी कि मंत्रियों को कम बोलना सीखना होगा। उन्होंने कहा कि अगर मंत्रियों ने अपना रवैया नहीं बदला, तो भविष्य में कोई उन्हें नहीं बचा पाएगा।
विपक्ष इस मौके का फायदा उठा रहा है और मंत्रियों के इस्तीफे की मांग कर रहा है। फडणवीस ने मंत्रियों से कहा कि वे मीडिया के सामने बेवजह विवाद पैदा करने वाले बयान देने से बचें, वरना आने वाले दिनों में उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। यह पहली बार नहीं है जब महायुति सरकार के मंत्रियों के बयानों से विवाद हुआ हो। अब देखना होगा कि यह चेतावनी कितनी असरदार साबित होती है।