भारत में मंकीपॉक्स का खतरा: दुनिया भर में तेजी से फैल रही खतरनाक बीमारी मंकीपॉक्स (Mpox) का असर अब भारत में भी दिखने लगा है। हाल ही में भारत में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया है, जिससे देश में चिंता बढ़ गई है। यह बीमारी अफ्रीका से निकलकर अब यूरोप और अमेरिका तक पहुंच चुकी है, और अब इसके भारत में फैलने का खतरा मंडराने लगा है। इसी के चलते केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
मंकीपॉक्स: क्या है यह बीमारी?
मंकीपॉक्स एक वायरल संक्रमण है, जो ज्यादातर अफ्रीकी देशों में पाया जाता है। यह वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है और फिर इंसान से इंसान में भी फैल सकता है। इस बीमारी के लक्षणों में चकत्ते, बुखार, और थकान शामिल हैं, जो कि कोविड-19 से मिलते-जुलते हैं। हालांकि, मंकीपॉक्स का संक्रमण दर और गंभीरता कोविड-19 की तुलना में कम होती है, लेकिन फिर भी इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
केंद्र सरकार की गाइडलाइन
केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स के खतरे को ध्यान में रखते हुए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने सोमवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में बताया कि सामुदायिक स्तर पर मंकीपॉक्स के सभी संदिग्ध मामलों में स्क्रीनिंग और जांच कराई जाए। इसके अलावा, संक्रमित मरीजों के लिए आइसोलेशन सुविधाएं भी चिह्नित की जाएं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सलाह दी है कि वे अपने यहां सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा करें और अस्पतालों में आइसोलेशन सुविधाओं की पहचान करें। साथ ही, आईडीएसपी (Integrated Disease Surveillance Programme) के तहत निगरानी इकाइयों पर भी ध्यान देने की जरूरत बताई गई है, ताकि किसी भी संदिग्ध मामले का समय पर पता लगाया जा सके।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स के मौजूदा प्रकोप को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (PHEIC) घोषित किया है। WHO ने बताया है कि मंकीपॉक्स के ज्यादातर मामले 18 से 44 वर्ष के युवा पुरुषों में पाए गए हैं, और यह संक्रमण मुख्य रूप से यौन संपर्क के माध्यम से फैल रहा है।
भारत में मंकीपॉक्स के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एड्स नियंत्रण समितियों और स्वास्थ्य इकाइयों को भी अलर्ट किया है, ताकि किसी भी संदिग्ध मामले का जल्द से जल्द पता लगाया जा सके और उसे नियंत्रित किया जा सके।
क्या करें मंकीपॉक्स से बचाव के लिए?
मंकीपॉक्स से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि लोग जागरूक रहें और किसी भी संदिग्ध लक्षण के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही, अपने आसपास के लोगों को भी इस बीमारी के बारे में जागरूक करें। सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन्स का पालन करें और किसी भी तरह की अफवाहों से बचें।
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