गुईलेन बैरे सिंड्रोम पूरे महाराष्ट्र में कहर बरपाने का काम कर रहा है। अब इस सिंड्रोम की वजह से मुंबई में एक 53 साल के व्यक्ति की जान जाने की खबर सामने आ रही है। मिली जानकारी के अनुसार GBS सिंड्रोम से पड़ित व्यक्ति मुंबई के नायर अस्पताल में वेंटिलेटर पर था।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब तक कुल 172 मरीजों में GBS की पुष्टि हुई है। अन्य मरीजों में इस सिंड्रोम के लक्षण पाए जा रहे हैं, लेकिन अब तक ये पुष्टि नहीं हो पाई है कि वो भी इस सिंड्रोम से पीड़ित हैं या नहीं।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस बीमारी के चलते मुंबई में हुई मौत को छोड़ पुणे में अब तक कुल 7 मौतें दर्ज की गई है, जिसमें से 4 की मौत जीबीएस के चलते अन्य 3 जीबीएस संदिग्ध मौतें हैं। बता दें कि जीबीएस एक दुर्लभ ऑटोइम्यून विकार है। इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से तंत्रिकाओं पर हमला करती है। ये तंत्रिकाओं के कुछ हिस्सों को नुकसान पहुंचाती है।
जानकारी हो कि पिछले दिनों मुंबई में 16 साल की एक लड़की भी GBS पीड़ित पाई गई। 10वीं क्लास में पढ़ने वाली लड़की पालघर की बताई जा रही है। पीड़ित लड़की का इलाज भी मुंबई के नायर अस्पताल में ही चल रहा है।
गौरतलब है कि गुइलेन बैरे सिंड्रोम का इंसान की उम्र से कोई लेना-देना नहीं है। यानी की अगर आपके मन में भी ये वहम है कि ये वायरस सिर्फ बच्चों और बूढों को अपनी चपेट में लेता है, तो बता दें कि आपकी ये धारणा गलत है, क्योंकि उस वायरस की चपेट में हर उम्र के लोग आ सकते हैं।
क्या हैं GBS वायरस के लक्षण?
हाथ पैर में कमजोरी, चलने में परेशानी, लकवा जैसा महसूस होना, पेट खराब या दस्त होना इसके मुख्य लक्षणों में शुमार हैं। जैसे ही इनमें से कोई लक्षण आपको नजर आए तो बिना देरी के इलाज शुरू करें, नहीं तो परेशानी बढ़ सकती है। ये ज्यादा करके तंत्रिका-तत्र को बुरे तरीके से नुकसान पहुंचाने का काम करता है, इसलिए सतर्क रहें और स्वस्थ रहें। अपना तो ध्यान रखें ही अपने परिजनों और पड़ोसियों का भी ध्यान जरूर रखें।
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