जालौन, उत्तर प्रदेश: जालौन में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें दो दोस्तों ने ज़हर खाकर खुदकुशी कर ली। दोनों ने ये कदम मोटिवेशनल स्पीकर और धर्मगुरु ओशो रजनीश की बातें सुनने के बाद उठाया। मौत से पहले उन्होंने अपने WhatsApp स्टेटस पर लिखा था, “मौत ही सच है।”
कहां और कैसे हुआ ये हादसा?
ये घटना मंगलवार (28 मई) की देर रात कालपी के एक कब्रिस्तान में हुई। मरने वालों की पहचान 23 साल के अमन वर्मा और 21 साल के बालेन्द्र के रूप में हुई है। अमन की एक मेडिकल स्टोर थी और बालेन्द्र उसका दोस्त था। दोनों ओशो के अनुयायी थे और उन्होंने ओशो के बारे में अपने WhatsApp स्टेटस पर भी लिखा था।
ओशो के प्रवचन से इतना प्रभावित हुए कि…
दोनों मंगलवार रात कब्रिस्तान गए और तेजाब पी लिया। बालेन्द्र की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अमन ने अपने परिवार को फोन करके घटना की जानकारी दी।
परिवार ने पुलिस को सूचना दी, लेकिन जब तक पुलिस पहुंची, तब तक अमन की भी मौत हो चुकी थी। दोनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
व्हाट्सएप स्टेटस से मिला सुराग
पुलिस को बालेन्द्र के फोन पर तीन व्हाट्सएप स्टेटस मिले, जिनसे पता चलता है कि वो ओशो की बातों से काफी प्रभावित था। एक स्टेटस में लिखा था, “आप अपना रास्ता चुनिए, मैं अपना।” दूसरे में लिखा था, “जिंदगी में वो काम चुनो, जो तुम्हें खुशी दे, न कि धंधा।” तीसरे स्टेटस में एक जलती हुई लाश की तस्वीर थी।
पुलिस कर रही है जांच
पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। वो ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर क्या वजह थी कि दोनों दोस्तों ने अपनी जान दे दी।
इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा किया है कि क्या मोटिवेशनल स्पीकर और धर्मगुरुओं की बातों का लोगों पर इतना गहरा असर पड़ता है कि वे अपनी जान देने जैसा कदम भी उठा लेते हैं?
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