मुंबई की गर्मी तो वैसे ही लाजवाब है, ऊपर से पेड़ों की कटाई शहर को और तंदूर बना रही है। एक RTI ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि पिछले छह सालों में 21,028 पेड़ों को विकास की वेदी पर चढ़ा दिया गया है। मेट्रो, बुलेट ट्रेन, कोस्टल रोड – ये सारी बड़ी-बड़ी परियोजनाएं पेड़ों को निगल गईं.
BMC का तो दावा है कि उन्होंने 21,916 पेड़ लगाए भी हैं, लेकिन उनकी ये कोशिशें “कच्चे आम खाने” जैसी हैं। ज्यादातर पेड़ तो लगने के बाद टिक ही नहीं पाते. सिर्फ 9 वार्ड्स के आंकड़े सामने आए हैं, जहां लगाए गए 4,338 पेड़ों में से सिर्फ 963 (22%) ही जिंदा बचे हैं। बाकी का क्या हुआ, आप समझ ही गए!
और हां, एक और चौंकाने वाली बात! BMC कहता है कि मुंबई में 29,75,283 पेड़ हैं, पर ये आंकड़े साल 2011 के हैं। यानी ये पेड़ अब तक कितने बूढ़े हो गए होंगे, या कितने कट चुके होंगे, इसका कोई हिसाब नहीं!
अब पर्यावरणविदों और एक्टिविस्ट्स की तो खैर ना ही पूछिए। उनका कहना है कि पेड़ कम होने से गर्मी बढ़ रही है, बारिश का चक्र गड़बड़ा रहा है।
खैर, BMC का कहना है कि वो इसी साल पेड़ों की गिनती कराएंगे और अगले पांच सालों में मुंबई की हरियाली 40% बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। साथ ही, वो मुंबई सेंट्रल पार्क बनाने की भी योजना बना रहे हैं।
देखते हैं, ये वादे कितने सच साबित होते हैं। फिलहाल तो पेड़ कटने का ये सिलसिला रुके, यही सबसे बड़ी जरूरत है। वरना भविष्य में मुंबई की मॉर्निंग वॉक सिर्फ समुद्र किनारे ही न सिमट कर रह जाए!
IIT मुंबई के प्रोफेसर रघु मुरतुगुद्दे का कहना है कि पेड़ों की घटती संख्या के कारण तापमान में वृद्धि हो रही है और बारिश के चक्र भी प्रभावित हो सकते हैं। पर्यावरण विशेषज्ञों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, और शिक्षा जगत की हस्तियों ने मुंबई में घटती हरियाली पर चिंता व्यक्त की है। BMC का कहना है कि वे इसी साल एक नई पेड़ गणना करेंगे और अगले पांच सालों में मुंबई की हरियाली 40% बढ़ाने का लक्ष्य रखेंगे।