Marine Buoy Plan: मुंबई की नगर निगम यानी BMC ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए शहर भर के 43 विसर्जन स्थलों पर कुल 70 मरीन बुआय (Marine Buoys) स्थापित करने की घोषणा की है। ये समुद्री नेवीगेशन बुआय सोलर लैंटर्न से सुसज्जित होंगे और गणेश विसर्जन स्थल (Ganesh Immersion Sites) पर कम ज्वार की पहचान में मदद करेंगे।
यह निर्णय बॉम्बे हाई कोर्ट के हाल के आदेश के अनुपालन में लिया गया है, जिसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइन्स के अनुसार मूर्ति विसर्जन केवल उच्च ज्वार और निम्न ज्वार के बीच करने का निर्देश दिया गया है। इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य जल प्रदूषण को कम करना है।
BMC के एक अधिकारी के अनुसार, प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों का समुद्र में विसर्जन पूर्णतः प्रतिबंधित है। मिट्टी की मूर्तियों का विसर्जन केवल उच्च ज्वार और निम्न ज्वार के बीच ही किया जा सकता है, क्योंकि इससे यदि मिट्टी की मूर्ति पूरी तरह घुल नहीं पाती तो उसे आसानी से निकाला जा सकता है। इन मरीन बुआय (Marine Buoys) के माध्यम से भक्तगण आसानी से ज्वार-भाटे की सीमाओं की पहचान कर सकेंगे।
इन 70 समुद्री बुआय की स्थापना और कमीशनिंग की लागत लगभग 2 करोड़ रुपये है। यह कॉन्ट्रैक्ट एक वर्ष की अवधि के लिए दिया जाएगा, जिसमें तीन प्रमुख त्योहार शामिल हैं – गणेश उत्सव, नवरात्रि उत्सव और माघी गणेश उत्सव। इन सभी अवसरों पर मूर्ति विसर्जन की परंपरा बेहद लोकप्रिय है।
पांच कॉन्ट्रैक्टरों ने इस परियोजना में रुचि दिखाई है और BMC जल्द ही उनका मूल्यांकन करके अंतिम निर्णय लेगी। गणेश चतुर्थी से पहले इन मरीन बुआय की स्थापना पूरी करने की योजना है।
BMC द्वारा चिन्हित 43 गणेश विसर्जन स्थल (Ganesh Immersion Sites) में मुंबई के सबसे प्रसिद्ध स्थान शामिल हैं। गिरगांव चौपाटी पर 8 बुआय लगाए जाएंगे, जुहू चौपाटी से वर्सोवा तक 15 बुआय स्थापित होंगे। मर्वे बीच और अक्सा बीच पर 2-2 बुआय लगेंगे, जबकि गोराई जेट्टी पर भी 2 बुआय स्थापित किए जाएंगे।
अन्य महत्वपूर्ण स्थानों में दादर चौपाटी से माहिम रेती बंदर तक 6 बुआय, गेटवे ऑफ इंडिया पर 2, बांद्रा बैंडस्टैंड पर 2, चिंबाई बीच पर 2, त्रोम्बे जेट्टी पर 2, और वाशी जेट्टी पर 2 बुआय लगाए जाएंगे।
विशेष रूप से ध्यान देने योग्य बात यह है कि प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों का विसर्जन केवल BMC द्वारा स्थापित कृत्रिम तालाबों में ही किया जा सकता है। इस वर्ष 10 दिनों का गणेश उत्सव 27 अगस्त से शुरू होगा।
यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि भक्तों को भी सही समय और स्थान पर मूर्ति विसर्जन करने में मदद मिलेगी। सोलर लैंटर्न से सुसज्जित ये मरीन बुआय (Marine Buoys) रात के समय भी स्पष्ट रूप से दिखाई देंगे, जिससे विसर्जन की प्रक्रिया सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से संपन्न हो सकेगी।
इस तकनीकी समाधान से मुंबई के समुद्री तटों की सुंदरता बनी रहेगी और जल प्रदूषण में भी काफी कमी आएगी। BMC की यह पहल अन्य शहरों के लिए भी एक आदर्श उदाहरण साबित हो सकती है।
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