मुंबई में स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों को सचेत किया है कि इस गर्मी में गैस्ट्रोएंटेराइटिस के मामलों में 30% से 40% की बढ़ोतरी हो सकती है। गैस्ट्रोएंटेराइटिस एक तरह का पेट का संक्रमण है जिसके कारण दस्त, उल्टी, बुखार आदि हो सकते हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में इस तरह के मामलों की संख्या में तेज़ी देखी गई है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि इस समय यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन) के मामले भी बढ़ रहे हैं, खासकर बच्चों में। इसका एक प्रमुख कारण है पानी की कमी यानी निर्जलीकरण (dehydration)। अधिकारियों ने दूषित पानी या भोजन के सेवन से भी बचने की सलाह दी है।
मुंबई के विभिन्न अस्पतालों से मिली जानकारी के अनुसार, गैस्ट्रोएंटेराइटिस के रोज़ाना दर्ज होने वाले मामलों में अचानक बढ़ोतरी हुई है। जहां पहले औसतन पांच-छह मरीज आते थे, वहीं अब यह संख्या 15-20 तक पहुंच गई है। डॉक्टरों के अनुसार, गर्मी बढ़ने से खाने-पीने की चीज़ें जल्दी खराब हो जाती हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही, इस मौसम में शरीर में पानी की कमी होना भी एक बड़ा कारण है।
विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मियों में सड़क किनारे बिकने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। बच्चों और बुजुर्गों में इस तरह के संक्रमण का खतरा अधिक होता है, इसलिए उनके खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञों ने बताया कि तापमान में उतार-चढ़ाव से रोगाणुओं को पनपने में मदद मिलती है, जिससे संक्रमण फैलता है।
वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी में लोग, खासकर महिलाएं, कम पानी पीने लगती हैं जिससे अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। उन्होंने नियमित रूप से पानी पीने की सलाह दी है।