मुंबई के अंधेरी इलाके में ट्रैफिक जाम की समस्या से जल्द ही निजात मिलने वाली है। गोपाल कृष्ण गोखले ब्रिज और सी.डी. बर्फीवाला फ्लायओवर को आपस में जोड़ने का काम पूरा हो चुका है और 1 जुलाई से दोनों रास्ते वाहनों के लिए खुल जाएंगे। ये जानकारी बुधवार को बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने दी।
इससे पहले जुहू से अंधेरी की ओर जाने वाले वाहनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था क्योंकि दोनों ब्रिज अलग-अलग थे।
आम तौर पर मानसून के मौसम में मुंबई में निर्माण कार्य रुक जाते हैं, लेकिन इस बार बीएमसी ने तेजी दिखाते हुए अप्रैल में ही दोनों ब्रिज को जोड़ने का काम शुरू कर दिया था। गौरतलब है कि उस वक्त लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लागू थी, लिहाजा बीएमसी ने चुनाव आयोग से खास इंतजाम कर इजाजत लेकर ये काम शुरू करवाया था।
अधिकारियों ने बताया कि इंजीनियरिंग की इस चुनौती को पूरा करने के लिए हाइड्रॉलिक जैक की मदद से दो बड़े गर्डर (Gardar) को ऊपर उठाया गया। एक गर्डर (Gardar) को 1397 मिलीमीटर और दूसरे को 650 मिलीमीटर ऊपर उठाकर दोनों को एक समान स्तर में लाया गया। इसके अलावा मजबूती के लिए ब्रिज में छह नए बेयरिंग भी लगाए गए हैं।
आपको बता दें कि बर्फीवाला फ्लायोवर 2008 में बना था और जुहू से शुरू होकर गोखले ब्रिज की उत्तर और दक्षिण दिशा की लेन से जुड़ता था। वहीं गोखले ब्रिज 1960 से ही अस्तित्व में था। हालांकि 2022 में पुराने ब्रिज को तोड़कर उसकी जगह एक नए ब्रिज का निर्माण किया गया था। ये नया ब्रिज इस साल फरवरी में ही ट्रैफिक के लिए खोला गया था।
लेकिन रेलवे के दिशा निर्देशों के चलते, क्योंकि ये ब्रिज रेलवे ट्रैक के ऊपर से गुजरता है, इसलिए बीएमसी ने नए गोखले ब्रिज को 6 मीटर की ऊंचाई पर बनाया था। इसकी वजह से ये बर्फीवाला फ्लायओवर से जुड़ नहीं पा रहा था।
अब दोनों ब्रिज को जोड़ने का काम पूरा हो चुका है, जिस पर करीब 8 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। जुलाई से शुरू हो रही इस कनेक्टिविटी से जुहू और अंधेरी के बीच आवागमन आसान हो जाएगा और उम्मीद है कि ट्रैफिक जाम की समस्या में भी काफी कमी आएगी।
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