महाराष्ट्र

स्कूल फीस पर सरकार की चालबाजी! समिति की रिपोर्ट आई, फिर भी कोई राहत नहीं

स्कूल फीस पर सरकार की चालबाजी! समिति की रिपोर्ट आई, फिर भी कोई राहत नहीं

महाराष्ट्र में अभिभावकों को बढ़ती स्कूल फीस से राहत नहीं मिल रही है। सरकार ने समिति तो बना ली, रिपोर्ट भी आ गई, लेकिन स्कूल फीस कम होने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही। आरटीआई से पता चला है कि सरकार ने समिति की सिफारिशों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।

महाराष्ट्र में निजी स्कूलों की फीस लगातार बढ़ने से अभिभावक परेशान थे। कोविड-19 के आर्थिक संकट ने स्थिति और बिगाड़ दी। लगातार शिकायतों के चलते कुछ साल पहले सरकार को हरकत में आना पड़ा और फीस विनियमन के लिए एक समिति बनाई गई। इसका मकसद फीस वृद्धि पर रोकथाम की व्यवस्था बनाना था।

समिति को दूसरे राज्यों के कानूनों का अध्ययन करके महाराष्ट्र में एक बेहतर व्यवस्था बनाने का काम मिला था। समिति ने अपना काम कर लिया और अपनी रिपोर्ट भी सरकार को सौंप दी। पर सरकार है कि टस से मस नहीं हो रही! आरटीआई से मिले जवाब में कोई ढंग की जानकारी नहीं दी गई। सरकार ने तो यह तक नहीं बताया कि रिपोर्ट में क्या क्या सिफारिशें थीं!

ऐसा लगता है कि सरकार को स्कूल फीस कम करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। कोविड के दौरान अभिभावकों ने बहुत तकलीफें झेलीं, फिर भी सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। लगता है निजी स्कूलों के बड़े दानदाताओं का दबाव सरकार पर काम कर रहा है।

समिति की अध्यक्षता स्कूल शिक्षा विभाग के पूर्व अधिकारी इम्तियाज़ काज़ी ने की थी। अभिभावक संगठन सरकार के इस रवैये से बेहद नाराज़ हैं। उनका कहना है कि सरकार ने जानबूझकर उनके साथ धोखा किया है। समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने से यह साफ है कि सरकार की नीयत में खोट है।

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