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वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर नियंत्रण के लिए सरकार लाएगी नया विधेयक, कैबिनेट बैठक में संशोधनों पर चर्चा

वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर नियंत्रण के लिए सरकार लाएगी नया विधेयक, कैबिनेट बैठक में संशोधनों पर चर्चा

सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को ‘वक्फ परिसंपत्ति’ घोषित करने और उन पर नियंत्रण करने की अनियंत्रित शक्तियों पर अंकुश लगाने के लिए विधेयक लाने की तैयारी में है। प्रस्तावित संशोधनों में वक्फ बोर्ड के दावों के अनिवार्य सत्यापन की व्यवस्था शामिल है, जो संपत्तियों के विवादों को कम करने में मदद करेगी।

कैबिनेट बैठक में संशोधनों पर चर्चा

सरकार ने वक्फ अधिनियम में 40 से अधिक संशोधनों पर चर्चा की है, जिससे वक्फ बोर्ड की अनियंत्रित शक्तियों पर अंकुश लगाया जा सकेगा। शुक्रवार शाम को हुई कैबिनेट बैठक में इन संशोधनों पर विचार किया गया। वक्फ बोर्ड के अधिकार क्षेत्र की जांच करने के लिए संशोधन शामिल है, जो वर्तमान में लाखों करोड़ रुपये की संपत्तियों को नियंत्रित करता है।

वक्फ बोर्ड के दावों का अनिवार्य सत्यापन

प्रस्तावित संशोधनों के तहत, वक्फ बोर्ड के दावे, जो पहले अप्रतिबंधित थे, अब अनिवार्य सत्यापन के अधीन होंगे। अनिवार्य सत्यापन की व्यवस्था उन संपत्तियों के लिए भी की गई है, जिनके लिए वक्फ बोर्ड और व्यक्तिगत मालिकों ने दावे किए हैं। हालांकि, किसी अधिकारी ने कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव के बारे में सार्वजनिक रूप से बात नहीं की है, लेकिन सूत्रों की मानें तो अगले हफ्ते इस विधेयक को संसद में पेश किया जा सकता है।

वक्फ बोर्ड की शक्तियों पर अंकुश के लिए संशोधन

सूत्रों के मुताबिक, संपत्तियों के अनिवार्य सत्यापन के प्रावधान वक्फ बोर्ड की मनमानी शक्तियों पर लगाम लगाने के लिए अधिनियम में शामिल किए गए प्रमुख संशोधन हैं। वर्तमान में वक्फ बोर्ड के पास किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में टैग करने की शक्ति है। देशभर में 8.7 लाख से अधिक संपत्तियां यानी लगभग 9.4 लाख एकड़ वक्फ बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में आती हैं।

कानून की जरूरत क्यों पड़ी?

मुस्लिम बुद्धिजीवियों, महिलाओं और शिया तथा बोहरा जैसे विभिन्न संप्रदायों के कई लोग मौजूदा कानून में बदलाव की मांग कर रहे थे। ओमान, सऊदी अरब और अन्य इस्लामी देशों के कानूनों के प्रारंभिक अवलोकन से पता चलता है कि इनमें से किसी भी देश ने किसी एक इकाई को इतने व्यापक अधिकार नहीं दिए हैं।

2013 के बाद वक्फ बोर्ड को मिले व्यापक अधिकार

2013 में यूपीए सरकार के दौरान मूल अधिनियम में संशोधन करके वक्फ बोर्डों को अधिक व्यापक अधिकार प्रदान किए गए थे, जो वक्फ अधिकारियों, व्यक्तिगत संपत्ति मालिकों और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण सहित कई राज्य संस्थाओं के बीच विवाद का एक प्रमुख कारण रहा है।

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